कांग्रेस से रेखचंद जैन हो सकते हैं महापौर प्रत्याशी, भाजपा में चल रहा है अभी मंथन का दौर

0  कांग्रेस से दो और नाम, मगर रेखचंद हैं सबसे मजबूत दावेदार 
0 भाजपा से संजय पाण्डे, मनीष पारख के नाम 
(अर्जुन झा)जगदलपुर। कांग्रेस और भाजपा के प्रदेश अध्यक्षों के गढ़ जगदलपुर की नगर सत्ता दोनों दलों के लिए पर नाक का सवाल बन गई है। जगदलपुर नगर निगम पर काबिज होने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही मेयर तथा पार्षद पदों के लिए मजबूत चेहरों पर दांव खेलना होगा। इस बीच भाजपा कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है। कांग्रेस से पूर्व विधायक रेखचंद जैन महापौर प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे हैं। वहीं कांग्रेस से मलकीत सिंह गैदू और राजीव शर्मा की भी दावेदारी सामने आई है। संगठन की पंसद पूर्व विधायक श्री जैन हैं और उनके नाम पर आज कल में अंतिम मुहर लग सकती है। रेखचंद जैन को प्रत्याशी बनाना कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा साबित होगा इस बात में कोई दो राय नहीं है।
भाजपा में भी प्रत्याशी के नामों को लेकर काफी खूब मंथन चल रह है। भाजपा से वरिष्ठ पार्षद एवं प्रदेश प्रवक्ता संजय पाण्डे के साथ ही मनीष पारख एवं विद्याशरण तिवारी के नामों पर मंथन जारी है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी के नामों के घोषणा के बाद ही भाजपा अपने मेयर और पार्षद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है। फिलहाल दोनों पार्टियां एक दूसरे के इंतजार में हैं। ज्ञात हो कि जगदलपुर नगर निगम में पिछले दो कार्यकाल से कांग्रेस का कब्जा रहा है। भाजपा इस बार नगर सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए बेताब है वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।खबर है कि राजधानी में आज हाई लेवल मीटिंग के बाद प्रत्याशी के नाम पर भाजपा आज अंतिम मुहर लगा सकती है। खबर है कि है कि महापौर प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे संजय पाण्डे का नाम चल रहा है। वहीं पूर्व विधायक के करीबी मनीष पारख भी दौड़ में शामिल हैं। इन नामों पर सहमति नहीं बनी तो किसी तीसरे नाम पर विचार किया जा सकता है। विद्याशरण तिवारी भी संगठन की पंसद माने जा रहे हैं। उधर कांग्रेस भी अब तक नामों पर अंतिम मुहर नहीं लगा पाई है। संगठन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईकमान से मिले निर्देशानुसार पूर्व विधायक रेखचंद जैन को महापौर प्रत्याशी बनाया जा सकता है। फेरबदल की जरूरत पड़ी तो मलकीत सिंह गैदू या फिर राजीव शर्मा के नाम पर विचार किया जा सकता है।

रेखचंद से बेहतर कोई नहीं

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान से कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे रेखचंद ही सही उम्मीदवार साबित होंगे। जिस प्रकार विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम और उनके कुछ चाटुकारों द्वारा उन्हे टिकट मिलने की राह में रोड़े अटकाकर उन्हें बेइज्जत किया गया था, शायद उसी पीड़ा के कारण उनकी सहमति अभी तक नहीं आई है। क्योंकि वे चाटुकार अभी भी अपनी हरकत से बाज नहीं आएंगे, ऐसा सभी कट्टर कांग्रेसी समझते हैं। क्योंकि इन्हीं लोगों ने रेखचंद जैन का टिकट कटाने से लेकर दीपक बैज को हराने तक में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। एक पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री का शिकारी मंत्री अभी जेल में है। इसी पूर्व मंत्री, बस्तर संभाग के कुछ विधायकों और नगर के दो तथाकथित युवा नेताओं ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को कमजोर करने का काम अपने आका के इशारे पर किया था। इसकी रणनीति उसी आका के बंगले में बनती रही है।रेखचंद को महापौर प्रत्याशी बनने से ज्यादा परेशानी बीजेपी को है अतः वह कांग्रेस पूर्व सीएम की चौकड़ी को अप्रत्यक्ष रूप से पूरा सहयोग दे रही है। रेखचंद जगदलपुर में भाजपा की जीत की राह रोक देंगे यह डर भाजपा के नेताओं को सता रहा है और इसी वजज से पूर्व सीएम एवं उनकी चौकड़ी को भाजपा प्रोत्साहित करने में लगी है। कांग्रेस नेतृत्व को इस चाल से बचते हुए कदम उठाना होगा। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अगर रेखचंद जैन को महापौर प्रत्याशी बनाती है, तो उसका पूरा लाभ नगर के सभी 48 वार्डों के कांग्रेसी पार्षद उम्मीदवारों को मिलेगा। कांग्रेस ज्यादातर वार्ड आसानी से निकाल लेगी।

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