अब जेल की रोटी तोड़ेंगे शराब घोटाले के आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा

0 ईडी की रिमांड खत्म, अब जेल भेजे गए लखमा 
0 14 जनवरी से थे ईडी की हिरासत में लखमा 
0 तलब किया जा सकता है भूपेश बघेल को भी 
(अर्जुन झा) जगदलपुर।  कांग्रेस शासन काल में हुए छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले के आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा अब पंद्रह दिनों तक जेल की रोटी तोड़ेंगे। 7 दिन तक ईडी की कस्टडी में रहने के बाद कवासी लखमा आज 21 जनवरी को जेल भेज दिए गए।
कवासी लखमा शराब घोटाले की जांच कर रहे सेंट्रल जांच एजेंसी ईडी की कस्टडी में 14 जनवरी से थे। ईडी ने विशेष अदालत से कवासी लखमा की रिमांड 14 दिनों के लिए मांगी थी, लेकिन अदालत ने सात दिन की ही रिमांड दी थी। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद ईडी ने आज 21 जनवरी को कवासी लखमा को अदालत में पेश किया। अदालत ने कवासी लखमा को 4 फरवरी तक जेल भेजने का निर्देश दिया। सूत्र बताते हैं कि ईडी ने लखमा की और रिमांड नहीं मांगी क्योंकि इन सात दिनों में लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने काफी राज उगलवा लिए हैं। खबर है कि ईडी अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पूछताछ के लिए कभी भी तलब कर सकती है। इसके अलावा पूर्व आईएएस विवेक ढांड को भी ईडी दफ्तर बुलाया जा सकता है। ईडी के वकील ने खुलासा किया था कि कवासी लखमा को शराब कार्टल से हर माह दो करोड़ रुपए मिलते थे। वकील का दावा है कि सुकमा में ईडी द्वारा की गई पड़ताल में कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष के ठिकानों से कई साक्ष्य मिले हैं। ईडी के वकील ने अरविंद सिंह के रिकॉर्डेड बयान के हवाले से बताया था कि शराब कार्टल से हर माह 50 लाख रुपए कवासी लखमा के पास जाते थे। इसके अलावा अरुणपति त्रिपाठी का बयान के मुताबिक इसके अलावा डेढ़ करोड़ शराब कार्टल से अलग जाते थे। इस तरह 36 माह में 72 करोड़ रुपए दिए गए। आबकारी अधिकारी इक़बाल खान और जयंत देवांगन ने भी इसकी पुष्टि की है और बताया है कि पूरे दो करोड़ रुपए हर माह सुकमा पहुंचाए जाते थे और यह रकम सुकमा में कन्हैया लाल कुर्रे कलेक्ट करते थे। इस धन को सफेद बताने के के लिए उसमें से काफी रुपए हरीश कवासी के मकान निर्माण और जिला कांग्रेस कार्यालय भवन बनाने में लगाए गए हैं। हरीश कवासी और जगन्नाथ साहू के घरों से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की जानकारी भी वकील ने दी थी और कहा था कि पूछताछ के लिए और भी कई लोगों को समन किया जाएगा। अब कयास लगाया जा रहा है कि कुछ और पूर्व मंत्री, नेता और अफसर ईडी की जांच के दायरे में आ सकते हैं।

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