अधिवक्ता अजय शर्मा हो सकते हैं कांकेर में भाजपा के लिए अजेय योद्धा नपा

० अध्यक्ष पद के लिए हैं बीजेपी से सशक्त नाम 
०  कांकेर के लिए अजय शर्मा से बेहतर कोई नहीं
(अर्जुन झा)कांकेर। नगरीय निकाय चुनाव होना अब लगभग तय हो है। दोनों ही राष्ट्रीय दल चुनावी रणनीति बनाने और अध्यक्ष पद के लिए सशक्त और जिताऊ उम्मीदवार इस जंग में उतारने के लिए आंतरिक मंथन कर रहे हैं। कांकेर में इस बार नगर पालिका अध्यक्ष पद का मुकाबला इसलिए बड़ा ही दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि कांकेर में अध्यक्ष पद सामान्य वर्ग के लिए घोषित हो चुका है। कांग्रेस के पास एक नाम तो दौड़ में सबसे आगे है, लेकिन बीजेपी में सामान्य वर्ग का एक भी सटीक प्रत्याशी सामने नहीं होने के कारण मंथन जारी है। इस बीच लोकप्रिय अधिवक्ता अजय शर्मा का नाम हर शहरवासी की जुबान पर है। लोगों का कहना है कि अजय शर्मा कांग्रेस से तो लड़ेंगे ने नहीं, मगर भाजपा के लिए वे जरूर कांकेर में अजेय योद्धा साबित हो सकते हैं। अजय शर्मा वैसे तो किसी भी दल से नहीं जुड़े हैं, मगर वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा और भाजपा के कई बड़े नेताओं के व्यक्तित्व एवं कार्यशैली से प्रभावित जरूर हैं। ऐसे में अगर भाजपा उन्हें ऑफर करेगी तो वे चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे और कांकेर नपा अध्यक्ष का पद भाजपा की झोली में डालने में निश्चित ही सफल होंगे।

कांकेर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अनेक लोगों के नाम बीजेपी से सामने आ रहे हैं। इन नामों में अधिकांश पिछड़ा वर्ग से आते हैं अथवा शुद्ध रूप से व्यापारी हैं। इन परिस्थितियों में अजय शर्मा अधिवक्ता का नाम बीजेपी से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के रूप में सबसे ज्यादा चर्चा में है। श्री शर्मा अभी किसी दल के कार्यकर्ता नहीं हैं। वे धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और संत महात्माओं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के लिए पसंदीदा व्यक्ति हैं। बशर्ते पार्टी उन्हें विधिवत अपने दल में शामिल कर ले। उनका भाजपा में जाना भी पार्टी के लिए फायदेमंद ही होगा। अजय शर्मा छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में हैं। छात्र नेता के रूप में भी वे किसी दल के समर्थक नहीं थे, केवल छात्रों का ही नेतृत्व करते थे। वे शासकीय भानुप्रताप देव स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर छात्रसंघ के सचिव निर्वाचित हो चुके हैं तथा छात्र-हित में उन्होंने जोरदार नेतृत्व भी किया था। सचिव पद पर अजय शर्मा ने सीटी पैनल से अकेले ही विजय प्राप्त की थी।जबकी सचिव पद को छोड़ कर बाकी पद हास्टल पैनल ने जीते थे। उस वक्त छात्र महाविद्यालय छात्रसंघ में अध्यक्ष मनोज मंडावी,उपाध्यक्ष नीलकंठ टेकाम व सह सचिव दिलीप नरेटी थे।

गौर करने वाली बात ये है कि कल के ये सभी छात्र नेता आज एक कुशल राजनीतिज्ञ व सफल अधिवक्ता हैं। अजय शर्मा प्रबुद्ध वर्ग से आते हैं। वे कम उम्र में ही वकील बनकर समाज सेवा कर रहे हैं। कांकेर में एक होनहार छात्र का वकालत शुरू करना युवा वर्ग के लिए एक अच्छा संदेश सिद्ध हुआ। अन्यथा आज कल के युवाओं की पहली पसंद सरकारी नौकरी ही होती है। अजय शर्मा ने कभी भी सरकारी नौकरी करना या किसी की चारनभाठ स्वीकार नहीं किया। वे सरकारी वकील का भी दायित्व निभा चुके हैं तथा वर्तमान में नोटरी का कार्य करते हुए वे लोकपाल भी हैं। अजय शर्मा में कानून की अच्छी समझ है। बेबाकी से अपनी बात विधि सम्मत रूप से रखते हैं। तर्क में उनकी कोई सानी नहीं है। अतः हर दृष्टि से बीजेपी से अजय शर्मा का नाम उपयुक्त है जो कांग्रेस के प्रत्याशी को इस बार पटखनी देते हुए एक मिसाल कायम कर सकते हैं। आगे देखते हैं कि अजय शर्मा का नाम बीजेपी के नेताओं तक पहुंचता है या हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस का प्रत्याशी ही नगर पालिका अध्यक्ष का ताज पहनेगा। इस पर गंभीर विचार बीजेपी के शीर्ष नेताओं को करना होगा।

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