राजस्व अमले की हड़ताल ने भाजपा के सुशासन की खोली पोल : रेखचंद जैन

0 पूर्व विधायक रेखचंद ने सीएम को लिखा पत्र 

जगदलपुर। पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि राजस्व विभाग के मैदानी अमले की हड़ताल ने भाजपा के सुशासन के वादों व दावों की पोल खोल कर रख दिया है। उन्होने एक माह से चल रहे हड़ताल को समाप्त कराने समुचित, ठोस व कारगर पहल करने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
श्री जैन ने कहा है कि पटवारियों के हड़ताल पर जाने से जनता रजिस्ट्री, नामांतरण जैसे कार्यों के लिए भटक रही है। राज्य सरकार द्वारा हड़ताल खत्म कराने चर्चा न करने कोई पहल नहीं की जा रही है, जो निंदनीय है। रजिस्ट्री के सैकड़ों मामले एक जिले में लंबित होने से ही सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, सो अलग। इससे राज्य स्तर पर नुक्सान का आकलन आसानी से लगाया जा सकता है। सरकार को चाहिए कि वह हड़ताली कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर पहल करे। राजस्व विभाग के मैदानी अमले को समुचित संसाधन मुहैया कराकर इस समस्या का निदान कर जनता को राहत देना सरकार का काम है जिसे शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।

यही है भाजपा का सुशासन?

पूर्व विधायक रेखचंद जैन के अनुसार राजस्व कर्मचारियो की लंबी हड़ताल और प्रदेश सरकार की चुप्पी ने भाजपा के सुशासन के दावों की पोल खोल दी है। उन्होने कहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले घोषणावीर बने भाजपा नेताओं को आज न तो जनता का दुख- दर्द नजर आ रहा है, न ही उन्हें शासन से कोई सरोकार है। विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र, जिसे मोदी की गारंटी नाम दिया गया था, में भाजपा ने वचनबद्ध सुशासन की जो बात कही थी, उसका पालन कराने तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों के नामांतरण, फौती, त्रुटि सुधार, नक्शा सुधार, सीमांकन जैसी समस्याओं का लोक सेवा अधिनियमों के अंतर्गत समयबद्ध निपटारा करने के वादे कहीं भी धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं।

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