जगदलपुर। बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने ग्राम पंचायत मूली में शाकम्भरी जयंती और छेरछेरा पर्व के विशेष आयोजन में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाले इस पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला।
छेरछेरा पर्व: फसल उत्सव और दानशीलता का प्रतीक
विधायक श्री बघेल ने छेरछेरा पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पर्व नई फसल के घर आने की खुशी में पौष पूर्णिमा के दिन बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने इसे महादान और फसल उत्सव के रूप में मनाई जाने वाली सामाजिक समरसता और दानशीलता की परंपरा का संवाहक बताया।
श्री बघेल ने कहा कि इसी दिन मां शाकम्भरी जयंती भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। इसीलिए इस दिन लोग धान के साथ साग-भाजी और फलों का दान करते हैं। उन्होंने सभी को सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए छेरछेरा पर्व की शुभकामनाएं दीं।
मरार समाज भवन का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान बस्तर विधायक ने मरार समाज भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने ग्रामवासियों को विकास कार्यों की बधाई देते हुए कहा कि बस्तर विधानसभा क्षेत्र सतत विकास की ओर अग्रसर है। विधायक ने जनकल्याण और विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए समाज के कल्याण के लिए नए प्रतिमान स्थापित करने की बात कही।
विधायक निधि से सामुदायिक भवन के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा
इस अवसर पर मरार समाज के सदस्यों ने सामुदायिक भवन की मांग रखी। विधायक श्री बघेल ने इस मांग को तुरंत स्वीकार करते हुए 10 लाख रुपये की घोषणा की। समाज के सदस्यों ने उनका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।
समाज प्रमुखों का योगदान और उपस्थिति
इस कार्यक्रम में मरार समाज के प्रमुखों और ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने विधायक का स्वागत किया और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुखों में श्रवण कश्यप, रुकनाथ पटेल, नकुल पटेल, राजकुमार, खीरसागर, देवेंद्र पटेल, बालाजी पटेल, पदम पटेल, गिरधारी पटेल, तिजू, सोमनाथ, गंगा पटेल, शंकर पटेल, मंजेला, गणेश पटेल, राजेश कुमार, जितेंद्र तिवारी, हरदास बघेल और अन्य प्रमुख गणमान्य लोग शामिल थे।