रायपुर। छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज का 49वां वार्षिक अधिवेशन 12 जनवरी को भिलाई में आयोजित होगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में समाज के 4000 से अधिक सदस्य भाग लेंगे, जिसमें समाज के दान, परंपरा और सेवा के ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा होगी। केंद्रीय अध्यक्ष दाऊ अनुराग अग्रवाल और संरक्षक दाऊ डॉ. रघुनाथ प्रसाद अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ निर्माण में अग्रवाल समाज का योगदान
केंद्रीय अध्यक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विकास में छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की 1927 एकड़ भूमि, तेलीबांधा तालाब और बस्ती, डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, और वर्तमान एम्स परिसर जैसी ऐतिहासिक परियोजनाएं समाज के दानवीरों के योगदान का परिणाम हैं।
दान संरक्षण समिति का गठन
अधिवेशन में “दान संरक्षण समिति” का गठन किया जाएगा, जो समाज की दान की गई संपत्तियों की सुरक्षा और व्यवस्थापन के लिए कार्य करेगी। समिति का उद्देश्य समाज की ऐतिहासिक संपत्तियों को अवैध क्रय-विक्रय से बचाना और उनका सही उपयोग सुनिश्चित करना होगा।
100 कमरों का वानप्रस्थ आश्रम निर्माण का संकल्प
इस अधिवेशन का प्रमुख आकर्षण वानप्रस्थ आश्रम के निर्माण का संकल्प है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 100 कमरों का यह आश्रम समाज की दानशीलता और कल्याण की भावना को प्रदर्शित करेगा।
गरीब कन्याओं का विवाह कराने की प्रेरणा
अध्यक्ष ने कहा कि समाज के संपन्न सदस्य विवाह जैसे भव्य आयोजनों के खर्च का कुछ हिस्सा गरीब कन्याओं के विवाह के लिए समर्पित करें। यह प्रस्ताव अधिवेशन में सर्वसम्मति से पास करने का प्रयास किया जाएगा।
विशिष्ट अतिथियों और अग्र अलंकरण का आयोजन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सी.के. अग्रवाल (रायपुर), विशेष अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता श्री प्रताप नारायण अग्रवाल (जगदलपुर) और डॉ. जुगल किशोर अग्रवाल (कोरबा) होंगे। अधिवेशन में शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, खेल, और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 15 व्यक्तियों को “अग्र अलंकरण” से सम्मानित किया जाएगा।
101 लड्डू गोपाल की महापूजन और महाआरती
अधिवेशन का धार्मिक आकर्षण 101 लड्डू गोपाल की महापूजन, 56 भोग और महाआरती का आयोजन होगा, जो समाज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों को मजबूती प्रदान करेगा।
समाज के लिए प्रेरणादायक कदम
यह वार्षिक अधिवेशन छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज के लिए न केवल एक आयोजन है, बल्कि समाज सेवा, शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस आयोजन के माध्यम से समाज के सदस्यों को दान, सेवा और एकजुटता के महत्व का संदेश दिया जाएगा।