0 समर्पित और ऊर्जावान लोग ही बनाए जाएंगे कांग्रेस के प्रत्याशी
0 प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बनाई नई धारदार पालिसी
(अर्जुन झा) जगदलपुर। कांग्रेस में अब ये मेरा आदमी, वो तेरा आदमी वाला खेल नहीं चलेगा। नेताओं व कार्यकर्ताओं के संगठन के प्रति समर्पण को महत्व दिया जाएगा। इस बार नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत राज चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन में मक्खनबाजी और पहुंच नहीं चलेगी। कांग्रेस अच्छी तरह ठोंक बजाकर ही प्रत्याशी तय करेगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगठन से जुड़े लोगों को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में प्राथमिकता देने का फैसला किया है। कांग्रेस का यह फैसला ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
कांग्रेस से जुड़े एक जिम्मेदार सूत्र ने बताया कि कांग्रेस की सत्ता के दौरान जिन नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सत्ता से संबंधित विभिन्न पदों पर योगदान दिया था और जो लोग संगठन में लगातार सक्रिय बने रहे, उन्हें ही प्रत्याशी चयन में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोग बड़े पदाधिकारियों से संबंधों के चलते, मनचाहे पद, टिकट आदि पाने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन इस बार संगठन ने ऐसे लोगों को दरकिनार करके खास कर लगातार संगठन से जुड़े लोगों को ही आने वाले चुनाव में मौका देने का निर्णय लिया है। अभी सामने नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावों में संगठन से जुड़े हजारों लोगों को मौका मिलने की बात कहीं जा रही है। अगर यह जानकारी सही होती है तो पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का यह बड़ा निर्णय होगा। अब तक कांग्रेस में हर स्तर पर प्रत्याशी चयन को लेकर मेरा आदमी, तेरा आदमी का खेल चलता रहा है। मक्ख़न लगाने की सियासत करने वाले नेता कार्यकर्ता टिकट हासिल करने में कामयाब हो जाते थे और समर्पित सिपाही बेचारे मुंह ताकते रह जाते थे। इससे ऐसे योग्य नेताओं व कार्यकर्ताओं में निराशा की भावना घर कर जाती थी। वहीं अक्सर चुनावों में कांग्रेस को बड़ी क्षति उठानी पड़ती थी। इससे बचने के लिए प्रदेश नेतृत्व नए फार्मूले के आधार पर प्रत्याशी चयन करने वाली है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि सेवादल को इस बार बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछले उप चुनाव में जिस प्रकार युवक कांग्रेस को मौका दिया गया था, उसी तरह इन चुनावों में भी ऐसा निर्णय लिए जाने की संभावना दिख रही है। हाल के कुछ दिनों में पार्टी के कतिपय नेताओं की करतूत की वजह से कांग्रेस की छवि पर आई आंच को देखते हुए भी संगठन ने पैतरा बदलने का फैसला किया है, ताकि डेमेज कंट्रोल किया जा सके। वैसे सियासत के जानकार कहते हैं कि अगर कांग्रेस अपने इस नए फार्मूले पर अमल करती है, तो उससे कांग्रेस का ही भला होगा।