0 नेताओं को बैज से सबक लेने की है जरूरत
जगदलपुर। आजकल राजनीति में शिष्टाचार नाम की चीज नहीं रह गई है। इस देश में प्रधानमंत्री खड़े रहते हैं और प्यादे कुर्सी पर शान से बैठे रहते हैं। राजनेताओं से शिष्ट भाषा और शिष्टाचार की उम्मीद करना भी बेमानी सी हो गई है। बावजूद आज भी कुछ नेता ऐसे हैं जिन्होंने शिष्ट राजनीति की मर्यादा बचाए रखी है, मानवीय संवेदना को मरने से बचाए रखा है। अपने दीपक बैज भी उन्हीं शिष्ट नेताओं में शुमार हैं। उनकी शिष्टता और मानवीय संवेदना की बानगी अक्सर देखने सुनने को मिलती रहती है। शनिवार को भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद दीपक बैज की शिष्टता का शानदार उदाहरण सामने आया।
दीपक बैज अपने सौम्य एवं सरल व्यवहार तथा मृदु भाषिता के लिए जाने जाते हैं। भले ही वे कांग्रेस से हैं, मगर भाजपा और दूसरे दलों के नेताओं के साथ भी वे पूरी शिष्टता पूर्वक बात करते हैं। विपक्षी नेता के तौर पर उनके बयानों तथा व्यवहार में भी शिष्टता की झलक दिखाई देती है। शनिवार को कांग्रेस ने पीसीसी चीफ दीपक बैज के नेतृत्व में नगरनार स्टील प्लांट एवं एनएमडीसी से जुड़े जनहित के मसलों को लेकर नगरनार के खूंटपदर से जगदलपुर तक न्याय पदयात्रा निकाली थी। इस पदयात्रा के ठीक एक दिन पहले बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की एक ठेकेदार परिवार द्वारा नृशंस हत्या कर दी गई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए यात्रा निकलने से ठीक पहले दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि देने कुछ देर के लिए यात्रा पर विराम लगा दिया। मुकेश को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए दीपक बैज ने कहा कि बस्तर के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि ऐसे युवा पत्रकार की हत्या हो जाती है जो बस्तर के दुर्गम इलाकों में काम करता है। हमें राजनीति से परे उठ कर मानवीय दृष्टिकोण अपनाना होगा। उन्होंने सरकार से इसकी जांच की मांग की और 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के बाद ही यात्रा प्रारंभ कराई। सियासी दल अगर हत्या जैसे मामले में भी राजनीति प्रारंभ कर दें तो चौथा स्तंभ यूं ही दरकता रहेगा, मुकेश की तरह और भी पत्रकार मारे जाते रहेंगे। हालांकि दीपक बैज पर कुछ कुंठित लोगों ने आरोप भी लगाए हैं, किंतु राजनीति में सहिष्णुता के मायने पीसीसी अध्यक्ष ने अपने शालीनता से विरोधियों को सिखा दिए हैं।