बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर रहस्यमय ढंग से लापता : ठेकेदार- नक्सली गठजोड़ पर शक

0  पत्रकार के भाई को है ठेकेदारों का हाथ होने का शक 
0  बस्तर के वरिष्ठ पत्रकारों ने आईजी से की अपील 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। बीजापुर के कार्यरत एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से लापता है। नक्सल इलाके में एक पत्रकार के इस तरह लापता होना सरकार और पत्रकार जगत के लिए चिंता का विषय है। मुकेश चंद्राकर के बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने भाई की गुमशुदगी के लिए कुछ ठेकेदारों पर शक जाहिर किया है। युकेश चंद्राकर का कहना है कि कुछ दिनों पहले मुकेश चंद्राकर ने गंगालूर से मीरतूर तक 120 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही 45 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण में घोटाले की खबर अपने चैनल पर चलाई थी। युकेश चंद्राकर ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में भी विकास के कार्य राज्य सरकार कृत संकल्पित होकर करा रही है। इलाके में अरबों रुपए के विकास कार्य कराए जा रहे हैं, लेकिन काम के नाम पर अधिकारी ओर ठेकेदार जब मिलीभगत करके लीपापोती करते हैं, तब पत्रकार उसे उजागर करते हैं। इससे परेशान होकर कुछ ठेकेदारों ने पत्रकार को सबक सिखाने के इरादे से शायद उसका किडनैप किया है। चर्चा यह भी है कि इसमें नक्सलियों का हाथ हो सकता है और संभवतः ठेकेदारों ने भी नक्सलियों का सहारा लिया होगा। बड़े ठेकेदारों की नक्सलियों से सांठगांठ जग जाहिर है। जिस इलाके में सैन्य बल की सड़क निर्माण करने वाली संस्था सीमा सड़क संगठन बीआरओ यानि बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन के भी हाथ खड़े करने की नौबत आ जाती है, उस इलाके में निजी ठेकेदार आसानी से सड़कें कैसे बनवा लेते हैं, इसी बात से नक्सलियों और ठेजेदारों में गठजोड़ की पुष्टि हो जाती है। बहरहाल एक पत्रकार का इस तरह रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती और चिंता का विषय है। इस घटनाक्रम से बस्तर के पत्रकार हतप्रभ और चिंतित हैं। बस्तर संभाग के वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन झा, महेंद्र महापात्र, नवीन गुप्ता, स्वरूप राज, एफआर साहू, रवि पटनायक, योगेश पाणिग्रही समेत अन्य पत्रकारों ने बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदर राज पी से पत्रकार मुकेश चंद्राकर की जल्द से जल्द सकुशल रिहाई सुनिश्चित कराने की अपील की है।

 

संपर्क में रहने वालों से पूछताछ

इस बीच पुलिस ने एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि बीजापुर के पुलिस अधीक्षक द्वारा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की तलाश के लिए टीम गठित कर दी है, जो अपने मिशन में लग भी गई है। 1 जनवरी की रात के पूर्व में मुकेश चंद्राकर के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों से पुलिस टीम द्वारा पूछताछ की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक युगलैंडन यार्क के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली दुर्गेश शर्मा समेत अन्य अधिकारियों की टीम गठित की गई है। पुलिस का कहना है कि मुकेश चंद्राकर की पतासाजी के लिए बीजापुर पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

सेप्टिक टैंक में मिली लाश

इधर देर शाम खबर आई कि दो दिन से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश चंद्राकर ब्रदर्स के घर के पीछे सेप्टिक टैंक में मिली है। शव क्षतिग्रस्त हालत में पाई गई है। ठेकेदारों पर मुकेश के अपहरण और हत्या का आरोप मुकेश चंद्राकर के भाई यूकेश चंद्राकर ने लगाया है, लेकिन पुलिस अभी केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहने की बात कह रही है। देर रात तक मामले में पुलिस कुछ खुलासा कर सकती है। चंद्राकर ब्रदर्स फर्म भी ठेकेदारी के काम से जुड़ी हुई है। सूत्र बताते हैं कि लाश को ठिकाने लगाने में मदद करने वाले एक राजमिस्त्री को पुलिस ने पकड़ा है, जिससे सघन पूछताछ चल रही है। इसी मिस्त्री से सेप्टिक टैंक जैसा गड्ढा बनवाकर उसमें पत्रकार के लाश को डाल दिया गया और ऊपर सीमेंट कांक्रिट से गड्ढे को कवर कर दिया गया था। पकड़ा गया राजमिस्त्री ही इस हत्याकांड का असली राजदार है और वही असली आरोपियों तक पुलिस को पहुंचा सकता है। कहा जा रहा है कि मुकेश चंद्राकर की आखिरी कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस इस राजमिस्त्री तक पहुंच पाई है।

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