रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार बीएड धारी शिक्षकों को नौकरी से निकालने के बजाय शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति दे। उन्होंने कहा कि न्यायालय का फैसला डीएड धारी शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर था, लेकिन प्रदेश में 70,000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती के लिए भाजपा सरकार अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।
धनंजय सिंह ठाकुर ने सवाल उठाया कि सरकार 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा तो कर चुकी है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। ऐसे में प्रदेश के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक कहां से आएंगे? उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन 2897 बीएड धारी शिक्षकों को समान वेतन पर शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए और इनकी नौकरी बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
ठाकुर ने यह भी बताया कि इन शिक्षकों में अधिकांश बस्तर और सरगुजा संभाग के हैं, जो दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत हैं, और इनमें से 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से आते हैं। यह उनके भविष्य का सवाल है, और सरकार को इस मामले में गंभीरता से निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करे। कांग्रेस सरकार के समय इन शिक्षकों की भर्ती दिसंबर 2023 में हुई थी, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इनकी नौकरी पर संकट आ गया है। ठाकुर ने भाजपा सरकार को “नौकरी छीनने वाली सरकार” करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार के नीयत ठीक नहीं है।