रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि भले ही इन शिक्षकों की नौकरी पर अदालती निर्णय के कारण संकट आया है, लेकिन सरकार इस समस्या का समाधान तुरंत कर सकती है। बैज ने सरकार से आग्रह किया कि वे शिक्षा विभाग में उपलब्ध अनेकों पदों पर इन 2897 शिक्षकों को समायोजित करें। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षक जैसे पदों पर इनकी नियुक्ति की जा सकती है, क्योंकि शिक्षा विभाग में लगभग 70 हजार पद रिक्त हैं और 33,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरकार रोक कर बैठी है। इन रिक्त पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है।
दीपक बैज ने आगे कहा कि प्रदेश के 2897 सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए आंदोलनरत हैं और धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीयत ठीक नहीं है और यह सरकार नौकरी छिनने वाली सरकार बन चुकी है। इन शिक्षकों को पहले भर्ती प्रक्रिया के बाद नियुक्ति दी गई थी, लेकिन अब अदालत के निर्णय के बाद समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए अलग से भर्ती निकाली जाए और पहले से नियुक्त इन शिक्षकों की सेवा को सुनिश्चित किया जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थी और भाजपा सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 और 7 मार्च 2024 को हुई थी, जिसके बाद इनकी नियुक्तियां की गई थीं।
दीपक बैज ने यह भी कहा कि इन प्रभावित शिक्षकों में से अधिकांश बस्तर और सरगुजा संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ हैं, और 70 प्रतिशत शिक्षक अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए सहानुभूति पूर्वक निर्णय लें।