रायपुर। दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ मद से सड़क निर्माण में अनियमितताओं के आरोपों ने विधानसभा में बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सदन में 5 अधिकारियों को निलंबित करने, ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली, और एफआईआर दर्ज कराने की घोषणा की।
जांच में मिली अनियमितताएं:
डिप्टी सीएम ने बताया कि दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा गठित पांच सदस्यीय जांच समिति ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी की पुष्टि की है। जांच में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण, डब्लूबीएम, सोल्डर कार्य और रिटनिंग वॉल में अनियमितताएं पाई गईं।
जिनके खिलाफ हुई कार्रवाई:
- अनिल राठौर: सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता के खिलाफ जांच जारी।
- दामोदर सिंह सिदार: कार्यपालन अभियंता, निलंबित और विभागीय जांच।
- तारकेश्वर दीवान: अनुविभागीय अधिकारी, निलंबित और विभागीय जांच।
- आरवी पटेल: सहायक अभियंता, निलंबित और विभागीय जांच।
- रविकांत सारथी: उपअभियंता, पहले ही निलंबित।
एक अन्य उपअभियंता का निधन हो चुका है। डिप्टी सीएम ने बताया कि ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। उसके खिलाफ वसूली और एफआईआर के आदेश जारी हो गए हैं। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार पर उसे संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि ठेकेदार के सभी कार्यों की विस्तृत जांच कराई जाए।
सदन में तीखी बहस:
चंद्राकर और डिप्टी सीएम के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप लगाया। आसंदी को हस्तक्षेप कर मामले को शांत करना पड़ा। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।