सरकार हार के डर से टाल रही है स्थानीय निकायों का चुनाव – दीपक बैज

 

० आरक्षण प्रक्रिया स्थगित, संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहे निकाय

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर स्थानीय निकाय चुनाव टालने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी संभावित हार के डर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया को स्थगित कर रही है, जिससे संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने कहा कि धान खरीदी में सरकार की नाकामी ने पूरे प्रदेश में आक्रोश पैदा कर दिया है। टोकन, बारदाना की कमी, तौल में गड़बड़ी, परिवहन और मिलिंग में अनियमितताओं की वजह से धान खरीदी बाधित हो रही है। ऐसे में भाजपा सरकार को अपनी हार स्पष्ट दिखने लगी है और इससे बचने के लिए सरकार चुनाव टालने का प्रयास कर रही है।

भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता का आरोप

दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।

  • जल जीवन मिशन और स्मार्ट सिटी योजनाओं में अपात्र ठेकेदारों को टेंडर दिए गए।
  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मनमाने ठेकेदारों को काम आवंटित किया गया।
  • पीडब्ल्यूडी विभाग की अराजकता जगजाहिर है, जहां बिना टेंडर, स्वीकृति और वर्क ऑर्डर के काम कराए गए और बाद में उन्हीं ठेकेदारों को टेंडर दे दिए गए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने ही विधायकों की भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों से घिरी हुई है। एक साल के भीतर ही सरकार की लोकप्रियता गिर चुकी है और इसी कारण वह चुनाव से भाग रही है।

संवैधानिक संकट की ओर बढ़ते स्थानीय निकाय

दीपक बैज ने कहा कि समय पर चुनाव न होने से स्थानीय निकायों में संवैधानिक संकट की स्थिति बन रही है। उन्होंने सरकार पर चुनाव प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि:

  1. 6 महीने पहले चुनाव की तैयारी हो जानी चाहिए थी।
  2. नगरीय निकाय चुनाव को पहले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया।
  3. अब पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया को अचानक स्थगित कर दिया गया।

मतदाता और उम्मीदवारों के अधिकार का हनन

दीपक बैज ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव का इंतजार आम मतदाता और उम्मीदवार करते हैं। हर 5 साल में जनप्रतिनिधि चुनना लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन भाजपा सरकार अकारण देरी करके मतदाता और उम्मीदवारों के अधिकार का गला घोंट रही है।

 

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