० नक्सल्स गढ़ में कदम रखने वाले पहले गृहमंत्री बन गए अमित शाह
० हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ती के पड़ोसी गांव गुंडेम में पहुंच गए शाह
(अर्जुन झा) जगदलपुर। जहां नक्सलियों की इजाजत के बिना एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता और जो इलाका हिड़मा जैसे कई खतरनाक नक्सलियों का जन्मभूमि एवं कर्मभूमि है, वहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और छग के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा जा धमके। ऐसे खतरनाक इलाके में कदम रखने वाले देश के पहले गृहमंत्री बन गए हैं अमित शाह। वैसा ही जज्बा और हौसला हमारे छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा भी कई बार दिखा चुके हैं।
बस्तर प्रवास पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नक्सल प्रभावित इलाके में जाने की योजना तो पहले से तय थी, लेकिन वे सीधे नक्सल नर्सरी में चले जाएंगे, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था।बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले सर्वाधिक नक्सल प्रभावित हैं। उसमें भी सुकमा और बीजापुर के सरहदी इलाके तो और भी ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं। इसी सरहदी इलाके में स्थित है नक्सल नर्सरी पूवर्ती, जहां कुख्यात नक्सली हिड़मा सहित अन्य कई खतरनाक नक्सली पैदा हुए हैं। हिड़मा किस कदर खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उस पर पूरे एक करोड़ रुपए का ईनाम घोषित हो चुका है। इसी नक्सल नर्सरी में महज सात किलोमीटर दूर स्थित गांव गुंडम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार दोपहर पहुंचे थे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा भी थे। धुर नक्सल प्रभावित गांव गुंडम में महुआ पेड़ के नीचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खटिया पर बैठकर गुंडम के ग्रामीणों के साथ आत्मीय चर्चा की। उन्होंने शासन की सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया। अमित शाह ने ग्रामीणों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर हमने नक्सल आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट कर रह गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह ने कहा कि नक्सल आतंक के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा सुरक्षा बालों के कैंप स्थापित किए गए हैं। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़ कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। श्री शाह ने ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेंजे। आपके बच्चे पढ़ लिख लेंगे, शिक्षित हो जाएंगे और शिक्षा से ही समस्याओं का समाधान निकलेगा। अमित शाह ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गुंडम के नजदीक स्थापित कैंप में अस्पताल की सुविधा भी है जहां निशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे न रहें। उन्होंने ग्रामीणों को निशुल्क 35 किलो चांवल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया और इनका लाभ लेने की अपील भी की। अमित शाह गांव की स्थित प्राथमिक शाला में भी जा पहुंचे। वहां बच्चों से पढ़ाई संबधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया। गृहमंत्री अमित शाह ने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने कहा कि शासन कि समस्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक पासबुक अनिवार्य है। इसलिए सभी का बैंक पासबुक जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक वर्ष के भीतर गांव में सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।
विजय शर्मा भी दिखा चुके हैं हौसला
अमित शाह नकसल गढ़ में कदम रखने वाले देश के पहले गृहमंत्री बन गए हैं। इससे पहले किसी भी केंद्रीय गृहमंत्री ने ऐसा साहस नहीं दिखाया था। हालांकि तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साये में अमित शाह गुंडम पहुंचे थे, मगर हौसला भी अपनी जगह है। इसी तरह विष्णु देव साय और विजय शर्मा नक्सल गढ़ की जमीन पर कदम रखने वाले पहले मुख्यमंत्री और गृहमंत्री साबित हुए हैं। हालांकि विजय शर्मा इससे पहले भी पूवर्ती तथा बीजापुर के कुछ गांवों में जा चुके हैं। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित आदिवासियों से उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के आत्मीय संबंध जग जाहिर हैं। श्री शर्मा ने इन आदिवासियों की पीड़ा को करीब से महसूस भी किया है। यही वजह है कि वे अपना पर्सनल फोन नंबर तक वहां के ग्रामीणों के साथ शेयर करने से नहीं चूकते और समय समय पर पीड़ित आदिवासियों से बात भी करते हैं। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की नेकदिली तब और सामने आई थी, जब नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आकर हाथ पैर गंवा बैठे आदिवासियों को कृत्रिम हाथ पैर श्री शर्मा की पहल पर लगाए गए थे। वह पल बड़ा ही भावुक था, जब अपने कृत्रिम पैरों से चलकर लोग विजय शर्मा का आभार जताने उनके बंगले में पहुंचे थे।
बढ़ेगा जवानों का हौसला
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के धुर नक्सल प्रभावित गांव गुंडम में आना कई मायनों में लाभकारी होगा। सबसे पहली बात तो यह कि आम ग्रामीणों और आदिवासियों के मन में शासन प्रशासन के प्रति भरोसा बढ़ेगा और वे भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। दूसरी अहम बात यह है कि नक्सल मोर्चे पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ेगा और वे दोगुने उत्साह के साथ अपना मिशन पूरा करने में लग जाएंगे।