सक्ती। आदिवासी की जमीन को गैर-आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री करने के गंभीर मामले में बिलासपुर कमिश्नर ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में सक्ती के तत्कालीन उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966-9(1) के तहत निलंबित कर दिया गया है।
क्या है मामला?
सक्ति तहसील के ग्राम कंचनपुर में उप पंजीयक प्रतीक खेमुका ने एक आदिवासी की 12 डिसमिल जमीन को बिना कलेक्टर की अनुमति के गैर-आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री कर दी थी। नियमों के अनुसार, आदिवासी की जमीन को गैर-आदिवासी को हस्तांतरित करने के लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य होती है।
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
इस अनियमितता की शिकायत स्थानीय प्रशासन से की गई थी। कलेक्टर द्वारा मामले की जांच में प्रतीक खेमुका को दोषी पाया गया और इस संबंध में राज्य शासन को प्रतिवेदन भेजा गया। शासन के निर्देश पर बिलासपुर कमिश्नर ने निलंबन की कार्रवाई की है।
जांच प्रक्रिया जारी
निलंबन के बाद प्रतीक खेमुका के खिलाफ आगे की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मामले को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोका जा सके।
आदिवासी हितों की सुरक्षा पर जोर
यह मामला आदिवासी हितों की सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाता है। इस कार्रवाई के जरिए प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आदिवासी अधिकारों के हनन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।