रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आगामी 55वें जीएसटी काउंसिल की बैठक को ध्यान में रखते हुए जीएसटी सरलीकरण और व्यापारियों की समस्याओं के समाधान हेतु सुझाव केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे हैं।
चेंबर भवन में बैठक का आयोजन
चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, और मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि जीएसटी सरलीकरण पर चर्चा हेतु चेम्बर भवन में विभिन्न व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में व्यापारियों और संगठनों से प्राप्त सुझावों को सूचीबद्ध कर केंद्रीय वित्तमंत्री को भेजा गया है।
प्रमुख सुझाव इस प्रकार हैं:
- इनपुट टैक्स क्रेडिट: जीएसटीआर-2बी के आधार पर आईटीसी मान्य होने का प्रावधान वापस लिया जाए।
- विक्रेता पर कार्यवाही: क्रेता के सभी दस्तावेज और प्रमाण सही होने पर कार्रवाई विक्रेता पर हो।
- न्यूनतम दंड: दंड की दरों पर पुनर्विचार किया जाए।
- धारा 126 का विस्तार: छोटे व्यापारियों की अनजाने में हुई गलतियों से सुरक्षा के लिए धारा 73 को शामिल किया जाए।
- भरोसेमंद करदाता: जीएसटी अनुपालन रेटिंग के माध्यम से करदाताओं की पहचान की जाए।
- क्रॉस-ज्यूरिस्डिक्शन: पंजीकृत करदाताओं के लिए सरल और एकीकृत मूल्यांकन की व्यवस्था हो।
- धारा 74: इस प्रावधान के दुरुपयोग को रोका जाए।
- रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम): राजस्व तटस्थ मामलों की पहचान की जाए।
- इ-वे बिल समस्याएं: माल परिवहन में आ रही तकनीकी समस्याओं का समाधान हो।
- ई-इनवॉइसिंग: छोटे व्यापारियों के लिए इसे वैकल्पिक बनाया जाए और इसके प्रभावों पर पुनर्विचार हो।
जीएसटी सरलीकरण पर जोर
चेम्बर ने इन सुझावों के माध्यम से व्यापारियों और उद्योगों की परेशानियों को उजागर करते हुए सरकार से जीएसटी के सरलीकरण और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) पर जोर देने की अपील की है।
प्रदेश अध्यक्ष का बयान
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा, “व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करने और जीएसटी को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए हमारे सुझाव व्यापार एवं उद्योग के हित में निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं। हम केंद्रीय वित्तमंत्री से निवेदन करते हैं कि 55वें जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन बिंदुओं पर विचार किया जाए।”
व्यापारियों में सकारात्मक उम्मीदें
चेम्बर द्वारा उठाए गए मुद्दों से प्रदेश के व्यापारियों और उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद है। आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन सुझावों को शामिल किए जाने की संभावना व्यापार जगत के लिए उत्साहजनक हो सकती है।