0 बीजापुर जिले में फिर एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या, दो को पहले मार चुके
0 नक्सलियों ने शव के पेट पर पर्चा चिपकाया
(अर्जुन झा) जगदलपुर। एक के बाद एक भाजपा कार्यकर्ताओं और निरीह महिलाओं की हत्या कर नक्सली केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती दे रहे हैं। अमित शाह के बस्तर के आगमन के पूर्व नक्सली पांच बेकसूर ग्रामीणों को मौत के घाट उतार चुके हैं। मृतकों में तीन भाजपा कार्यकर्ता और दो महिलाएं शामिल हैं।
दरअसल नक्सलियों की यह करतूतें उनकी बौखलाहट का नतीजा हैं।मुठभेड़ों में लगातार बड़ी संख्या में अपने साथियों के मारे जाने, मैदानी नक्सलियों व सहयोगियों के भारी संख्या में हो रहे आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियों के चलते नक्सली लीडर बुरी तरह बौखला उठे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं पर अपनी खीझ उतार रहे हैं। वे पुलिस और फोर्स का मुकाबला तो नहीं कर पा रहे हैं, अल्बत्ता गांवों में निवासरत भाजपा कार्यकर्ताओं को टार्गेट करने लगे हैं। चुन चुन कर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या नक्सली कर रहे हैं। इस तरह की घटनाएं बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में ही ज्यादा हो रही हैं। मंगलवार की रात नक्सलियों ने फिर एक निर्दोष ग्रामीण भाजपा कार्यकर्ता की गला घोटकर हत्या कर दी। बीजापुर के फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम सोमनल्ली निवासी 35 वर्षीय कुड़ियाम माडो पिता मुरा कुड़ियाम को 10 दिसंबर को नक्सलियों ने घर से बाहर निकाला और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। घटना 10 दिसंबर आधी रात की है। फरसेगढ़ पुलिस ने मौके से प्रतिबंधित भाकपा नक्सल संगठन नेशनल पार्क एरिया कमेटी द्वारा जारी पर्चे बरामद किए हैं। एक पर्चे को नक्सलियों ने कुड़ियाम माड़ो के पेट पर चिपका रखा था।पर्चे में नक्सलियों ने लिखा है कि माड़ो पुलिस के लिए मुखबिरी करता रहा है, इसलिए उसकी हत्या की गई है। पुलिस द्वारा शव कब्जे में लेकर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। नक्सलियों की इस हत्या की एसपी जितेंद्र यादव ने पुष्टि की है। बीजापुर जिले में दस दिन के अंदर नक्सलियों ने दो महिलाओं सहित पांच लोगों की हत्या कर डाली है। इनमें से तीन भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं। और दो महिलाओं को मुखबिर बताकर मार डाला गया। मृत महिलाओं में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थी और दूसरी आम गृहणी।
13 को आ रहे हैं शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर प्रवास की सुगबुहाट ने नक्सलियों की बेचैनी और भी बढ़ा दी है। अमित शाह 13 दिसंबर को बस्तर संभाग के दौरे पर आ रहे हैं। वे यहां आयोजित बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इसके साथ ही अमित शाह सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव पूवर्ती भी जा सकते हैं। पूवर्ती को नक्सलियों की नर्सरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां कई कुख्यात नक्सली लीडर पैदा हुए हैं। अमित शाह की सफल रणनीति के तहत ही सीआरपीफ समेत अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों और पुलिस की पहुंच पूवर्ती गांव के आगे तक हो चुकी है। पूवर्ती समेत आगे के गांवों में भी सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित हो चुके हैं। ये वो गांव हैं, जहां कभी बिना नक्सलियों की इजाजत के परिंदे भी पर नहीं मार सकते थे। ऐसे में नक्सलियों का बौखलाना लाजिमी है। आगे पंचायत चुनाव भी है और दो दिन बाद अमित शाह खुद नक्सलियों की मांद में घुसने वाले हैं। उससे पहले इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली क्षेत्र में दहशत फैलाने की कोशिश में हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती दे रहे हैं, मगर नक्सली शायद यह भूल गए हैं कि जिन्हें वे चैलेंज कर रहे हैं, वह फौलादी इरादों के धनी हैं।