बीजापुर। माता रुक्मिणी धनोरा बालिका आश्रम में हुई एक बड़ी लापरवाही ने हृदयविदारक घटना को जन्म दिया। आश्रम में परोसे गए भोजन में छिपकली मिलने के बाद 35 से अधिक बच्चियां बीमार पड़ गईं, जिनमें से एक छात्रा शिवानी तेलम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। यह घटना बालिकाओं की सुरक्षा और आश्रम प्रबंधन की जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
छात्रा की मौत, 9 आईसीयू में भर्ती
मृतक छात्रा शिवानी तेलम, जो बीजापुर ब्लॉक के तूमनार की निवासी थी, को गंभीर हालत में पहले जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर किया गया, लेकिन उसने भैरमगढ़ में दम तोड़ दिया। बाकी 35 बच्चियां अब भी बीमार हैं, जिनमें से 9 की हालत गंभीर है और उन्हें बीजापुर जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है।
परिजनों का गंभीर आरोप
मृत छात्रा के परिजनों ने आश्रम की अधीक्षिका और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा था, और भोजन में एक्सपायरी डेट के पनीर और दूध का इस्तेमाल हो रहा था। परिजनों ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस गंभीर घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, जिला प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है, लेकिन परिजनों और स्थानीय लोगों ने इस घटना को प्रशासनिक उदासीनता का परिणाम बताया है।
आश्रमों की स्थिति पर उठे सवाल
इस घटना ने आश्रमों में बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं और भोजन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर प्रशासन की जिम्मेदारी अब कटघरे में है।
स्थानीय जनाक्रोश
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और इस घटना को लापरवाही और अनदेखी का परिणाम बता रहे हैं।