भोपाल। मध्यप्रदेश को औद्योगिक विकास और रोजगार का केंद्र बनाने के अपने संकल्प को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में 6वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) का शुभारंभ करेंगे। ‘नए क्षितिज, नई संभावनाएँ’ थीम के तहत आयोजित यह कार्यक्रम राज्य में औद्योगिक नवाचार और वैश्विक निवेश को नई दिशा देगा।
वैश्विक उपस्थिति और प्रमुख भागीदारी
कॉन्क्लेव में 4 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिनमें 3 हजार एमएसएमई प्रतिनिधि, 75 प्रमुख निवेशक, और कनाडा, वियतनाम, नीदरलैंड, मेक्सिको तथा मलेशिया जैसे 5 देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। यह आयोजन राज्य की औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन योजनाओं, और एमएसएमई के विकास में उपलब्ध संभावनाओं पर केंद्रित होगा।
उद्घाटन और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस कार्यक्रम में विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं का वर्चुअल भूमिपूजन और उद्घाटन करेंगे। निवेशकों को भूमि आवंटन-पत्र वितरित किए जाएंगे, और 10 से अधिक प्रमुख निवेशक अपनी योजनाओं को साझा करेंगे।
सेक्टोरल सत्र और चर्चा
कॉन्क्लेव में विभिन्न सत्रों के माध्यम से निवेशकों और उद्योगपतियों को जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। खास सत्रों में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा होगी:
- नवकरणीय ऊर्जा: राउंड टेबल चर्चा।
- निर्यात की शुरुआत कैसे करें: एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने का प्रयास।
- पर्यटन में निवेश संभावनाएँ: मध्यप्रदेश को पर्यटन हब के रूप में उभारने पर फोकस।
स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी
कार्यक्रम में 75 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के तहत बनाए गए सामान, और पर्यटन की संभावनाओं का प्रदर्शन होगा। यह प्रदर्शनी स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
क्षेत्रीय और वैश्विक विकास का संगम
कॉन्क्लेव के माध्यम से नर्मदापुरम क्षेत्र को औद्योगिक मानचित्र पर मजबूत स्थान दिलाने की तैयारी है। कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, नवकरणीय ऊर्जा, वस्त्र, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में विशेष निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा।
‘उद्योग वर्ष 2025’ की ओर बढ़ता कदम
उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, और रीवा में सफल आयोजन के बाद यह कॉन्क्लेव नर्मदापुरम को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने का अगला महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “हमारा उद्देश्य न केवल प्रदेश को औद्योगिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि हर क्षेत्र को रोजगार और नवाचार का केंद्र बनाना है।”