बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में माओवादियों का प्रभाव अब तेजी से घट रहा है। तीन दशकों से प्रदेश और बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के आतंक के बावजूद, सुरक्षा बलों की लगातार मेहनत और प्रयासों के कारण कई माओवादी इलाकों को मुक्त किया गया है। माओवादियों के बड़े लीडर अब मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं या आत्मसमर्पण कर रहे हैं, जिससे उनकी गतिविधियों में भारी गिरावट आई है।
बस्तर आईजी सुन्दर राज पी ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए नक्सल ऑपरेशनों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर और कोंडागांव जिले अब नक्सल मुक्त हो चुके हैं, जहां माओवादियों की गतिविधियां काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं। इन दोनों जिलों में माओवादी कमेटियों का सफाया कर दिया गया है, जिससे इन जिलों में नक्सली हिंसा में कमी आई है।
आईजी ने यह भी बताया कि बस्तर संभाग के अन्य जिलों में चल रहे ऑपरेशनों के कारण आने वाले समय में कई और जिले नक्सल मुक्त हो सकते हैं। इस बीच, पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गृह मंत्री विजय शर्मा और अन्य अधिकारियों के साथ नक्सल मामलों पर बैठक हो रही है।
बता दे कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का दावा किया है। इसके लिए केंद्रीय और जिला बलों द्वारा पूरी ताकत से प्रयास किए जा रहे हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं।