रायपुर। रायपुर नगर निगम के कचरा गाड़ियों के ड्राइवर और प्लेसमेंट के माध्यम से काम कर रहे प्रदेशभर के 20,000 से अधिक कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इस हड़ताल का असर राजधानी रायपुर के 70 वार्डों की सफाई और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर पड़ा है। सुबह से ही ड्राइवरों ने काम करने की बजाय टिकरापारा थाने में इकट्ठा होकर अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया।
मुख्य मांगें
- ठेका प्रथा समाप्त करना: कर्मचारी ठेका व्यवस्था को समाप्त कर सीधे नगर निगम के तहत वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं।
- श्रम सम्मान राशि: 4,000 रुपए प्रति माह श्रम सम्मान राशि की मांग।
- स्थायी रोजगार की गारंटी: संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
हड़ताल का प्रभाव
हड़ताल के पहले दिन ही राजधानी रायपुर के 70 वार्डों में कचरा कलेक्शन और सफाई का काम पूरी तरह से ठप हो गया। कचरा गाड़ियों के न चलने से गली-मोहल्लों में गंदगी बढ़ने लगी है। साथ ही, पानी सप्लाई की व्यवस्था भी बाधित हुई है, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों का बयान
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा, “हम लंबे समय से ठेका प्रथा को खत्म करने और सीधे वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरी में हमें काम बंद कर आंदोलन का सहारा लेना पड़ा है।”
नगर निगम की प्रतिक्रिया
रायपुर नगर निगम के अधिकारियों ने स्थिति को गंभीर मानते हुए कर्मचारियों के साथ चर्चा की कोशिश की है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हड़ताल से जनसुविधाओं पर असर पड़ रहा है, और जल्द ही समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।
आगे की स्थिति
यदि हड़ताल लंबे समय तक जारी रहती है, तो सफाई और पेयजल संकट और गहरा सकता है। आम जनता ने भी सरकार और प्रशासन से जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील की है।