० स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में स्वशासी सोसायटियों की बैठक में बड़े निर्णय
रायपुर। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में, शासकीय मेडिकल कॉलेजों की स्वशासी सोसायटियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रशासनिक एवं वित्तीय विकेंद्रीकरण को मंजूरी दी गई, जो चिकित्सा महाविद्यालयों को अधिक सशक्त और स्वतंत्र बनाएगा।
प्रमुख सुधार एवं निर्णय
वित्तीय अधिकारों में वृद्धि:
मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाता और अस्पताल अधीक्षक को अब ₹10 लाख तक की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं, जो पहले ₹1 लाख तक सीमित थीं।
उपकरणों और मरम्मत कार्यों के लिए ₹10 लाख तक के खर्च की अनुमति बिना शासन की मंजूरी के हो सकेगी।
स्वशासी सोसायटियों को पुनर्गठन और नए अधिकार:
सामान्य सभा और प्रबंधकारिणी समिति को वित्तीय स्वीकृति के अधिकार बढ़ाए गए।
प्रबंधकारिणी समिति को ₹2 करोड़ तक की स्वीकृति का अधिकार दिया गया है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ:
मेडिकल कॉलेजों को योजना के अंतर्गत मिलने वाले क्लेम का हिस्सा 25% से बढ़ाकर 45% कर दिया गया।
राज्य बजट में वृद्धि:
दवाइयों और उपकरणों के लिए बजट का आवंटन 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया।
मॉडल स्वशासी सोसायटी का गठन:
सभी स्वशासी सोसायटियों को एकरूपता प्रदान करने के लिए मॉडल ड्राफ्ट तैयार किया गया।
सुधारों का प्रभाव
इन निर्णयों से मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों में तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने की प्रक्रिया तेज होगी। इससे न केवल मरीजों को दवाइयां और स्वास्थ्य सेवाएं जल्द मिलेंगी, बल्कि महाविद्यालय स्तर पर प्रशासनिक प्रक्रिया में भी सुधार होगा।
स्वास्थ्य मंत्री की विशेष टिप्पणी
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक के दौरान कहा, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में चिकित्सा महाविद्यालयों को अधिक अधिकार देकर सशक्त किया जा रहा है। ये निर्णय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।” बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त श्रीमती किरण कौशल, संभाग आयुक्त, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।