आईईडी से अब तक 20 से अधिक ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं नक्सली

0 सुरक्षा बलों ने बरामद किए तीन आईईडी 
0 नारायणपुर-कुतुल मुख्य मार्ग पर मिले 3 आईईडी 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। सुरक्षा बलों के हाथों लगातार मात खाते आ रहे नक्सली अब अपनी खीझ उतारने के लिए आदिवासियों को निशाना बना रहे हैं। नक्सली गांवों के करीब जगह जगह आईईडी लगाकर निरीह आदिवासी ग्रामीणों को मौत के घाट उतार रहे हैं और कइयों को हमेशा के लिए अपाहिज बना रहे हैं। बस्तर संभाग के अकेले नारायणपुर जिले इस साल अब तक 20 से ज्यादा ग्रामीण आईईडी की चपेट में आकर मारे जा चुके हैं और बुरी तरह घायल हो चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है और विजय शर्मा राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री बनाए गए हैं तबसे नक्सलियों की तो जैसे शामत ही आ गई है। हर माह पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों की लाशें बिछाते चले जा रहे हैं। नक्सलियों के हथियारों के भंडार तक जवान पहुंच रहे हैं और बड़ी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार बरामद भी कर रहे हैं। इससे नक्सली बौखला उठे हैं और ग्रामीणों को निशाना बनाने लगे हैं। वे गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर आईईडी प्लांट कर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। अकेले नारायणपुर जिले में सन 2024 में अब तक नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी से 20 से अधिक निर्दाेष ग्रामीण मारे जा चुके हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान आदिवासियों को आईईडी की जद में आने से बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर आईईडी ढूंढ ढूंढ कर निकाल रहे हैं। इसी क्रम में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में बस्तर संभाग की नारायणपुर जिला पुलिस द्वारा लगातार क्षेत्र में सघन नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान संचालित किया जा रहा है। नारायणपुर से डीआरजी एवं बीडीएस का संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान पर माड़ क्षेत्र की ओर रवाना हुआ था। सुरक्षा बलों ने नारायणपुर- कुतुल मुख्य मार्ग पर 5 किलो से अधिक वजन वाले 3 आईईडी को खोजकर सुरक्षात्मक मानकों का पालन करते हुए उन्हें निष्क्रिय कर दिया।जि स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों की मौत हो सकती थी या वे गंभीर रूप से घायल हो सकते थे। इससे पहले वर्ष 2024 में माओवादियों द्वारा लगाये गये आईईडी से 20 से अधिक निर्दाेष ग्रामीण मारे गये या गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उक्त आईईडी को माओवादियों द्वारा आदिवासी ग्रामीणों एवं सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से लगाया गया था। सुरक्षा बलों की सजगता और सतर्कता से आईईडी को बरामद कर निष्क्रिय किया गया। उक्त कार्यवाही में डीआरजी एवं बीडीएस टीम की विशेष भूमिका रही।

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