सरगुजा। छत्तीसगढ़ के संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना महामारी के दौरान एक विवादास्पद कदम उठाया गया। विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने के बावजूद 5 लाख रुपये की उत्तरपुस्तिकाएं और 17 लाख रुपये से अधिक की पूरक उत्तर पुस्तिकाएं खरीदीं, जो अब एक बड़े विवाद का कारण बन चुकी हैं।
आरटीआई से खुलासा
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि विश्वविद्यालय ने ऑफलाइन परीक्षा आयोजित नहीं की थी, फिर भी इतनी भारी मात्रा में उत्तरपुस्तिकाओं की खरीदारी क्यों की गई। इसके अलावा, यह भी सवाल उठता है कि इन उत्तर पुस्तिकाओं का क्या हुआ, क्योंकि विश्वविद्यालय के स्टॉक रजिस्टर में इनकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
कुलपति ने गठित की जांच टीम
मामले के सामने आने के बाद सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रेमप्रकाश सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने एक टीम गठित की है, जो यह तय करेगी कि इन उत्तर पुस्तिकाओं का क्या हुआ और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल: क्यों खरीदी गई उत्तरपुस्तिकाएं?
यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। जब कोरोना के कारण सभी परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही थीं, तो इतनी बड़ी संख्या में उत्तरपुस्तिकाओं की खरीदारी की आवश्यकता क्यों पड़ी? और अगर खरीदी गईं, तो इनकी रिकॉर्डिंग क्यों नहीं की गई? अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस जांच प्रक्रिया में कितना पारदर्शी रहता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। इस मामले ने छत्तीसगढ़ में हंगामा मचाया है और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।