कोरबा। जिले में खरीफ फसल की कटाई के बाद रबी फसल की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन इस साल भी बांगो बांध से चांपा, सक्ती और डभरा क्षेत्र के किसानों को पानी की आपूर्ति नहीं होगी। हालांकि, दाईं तट नहर शाखा में पानी की सप्लाई होगी, जिससे अकलतरा, जांजगीर और पामगढ़ क्षेत्र के किसानों को धान की दूसरी फसल लेने का अवसर मिलेगा।
जांजगीर जिले में मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला उपयोगिता समिति की बैठक में इस विषय पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यह तय किया गया कि दाईं तट नहर शाखा में पानी की आपूर्ति 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक दी जाएगी। वहीं, बाईं तट नहर शाखा में लाइनिंग का कार्य शुरू होगा, जिसके कारण इस क्षेत्र में पानी की सप्लाई नहीं हो पाएगी।
सिंचाई विभाग को यह निर्देश दिया गया है कि जल कर की वसूली फिर से शुरू कर नहर की मरम्मत की जाए, ताकि डेम का पानी टेल एरिया तक आसानी से पहुंच सके। समिति ने यह भी निर्णय लिया कि 30 अप्रैल के बाद नहर में पानी की सप्लाई हर हाल में रोक दी जाएगी, ताकि निस्तारी के लिए जल संकट से बचा जा सके।
हसदेव बांगो बांध में फिलहाल 74% से अधिक पानी का भराव है और इस बार खरीफ फसल के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह तक पानी दिया गया। हालांकि, बांगो बांध में रबी फसल के लिए सिंचाई की क्षमता डेढ़ लाख हेक्टेयर है, लेकिन शासन स्तर से इस बार केवल 52 हजार हेक्टेयर में पानी देने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल बाईं तट नहर से रबी फसल के लिए पानी नहीं दिया गया था, और इस बार भी मरम्मत के नाम पर पानी की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है।
किसानों को इस वर्ष दलहन और तिलहन की फसल लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिसके लिए दलहन के लिए 12,530 हेक्टेयर और तिलहन के लिए 12,100 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नहर की मरम्मत में देरी के कारण टेल एरिया तक पानी पहुंचने की संभावना कम होने की आशंका जताई जा रही है, जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।