रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दल जोर-शोर से तैयारियों में जुट गए हैं। पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस को विधानसभा, लोकसभा और उपचुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इन हारों के कारण पार्टी में न केवल भीतरघात की स्थिति बनी है, बल्कि नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी हो रहे हैं।
हाल ही में, छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज पर तीखा हमला किया। मंत्री कश्यप ने कहा, “दीपक बैज निकाय चुनाव में हार का चौका लगाएंगे। उन्हें हार का चौका लगाने की अग्रिम बधाई। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने तीन चुनाव हार चुके हैं। हमारी शुभकामनाएं हैं कि वे हार का शतक भी बनाएं। दक्षिण विधानसभा में उन्होंने हार की हैट्रिक लगाई है। कांग्रेस के बड़े नेता अब उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।”
केदार कश्यप ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने कभी भी आदिवासियों का सम्मान नहीं किया। उनके मुताबिक, कांग्रेस का रुख और चुनावी रणनीति लगातार हार का कारण बन रही है।
वर्तमान में, छत्तीसगढ़ में कुल 184 नगरीय निकाय हैं, जिसमें 14 नगर निगम, 48 नगर पालिका परिषद और 122 नगर पंचायतें शामिल हैं। सभी राजनीतिक दल इस बार के नगरीय निकाय चुनाव में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। कांग्रेस, जो पिछली बार की हार से जूझ रही है, इस बार जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हालांकि, अभी तक नगरीय निकाय चुनाव की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस साल के अंत तक चुनावों की तारीखों का ऐलान हो सकता है।
चुनाव की तैयारियों के बीच, सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगी हैं। कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक नई चुनौती है, जबकि भाजपा और अन्य दल अपने मजबूत प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए सक्रिय हैं। आगामी चुनाव परिणामों से छत्तीसगढ़ की राजनीति की दिशा तय हो सकती है।