० पुरस्कार राशि हड़पने के मामले में विधायक लखेश्वर बघेल भी कूद पड़े
० बकावंड का मामला जल्द शांत होता नहीं दिख रहा
(अर्जुन झा)
बकावंड। यहां आयोजित ब्लॉक स्तरीय बस्तर ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को ईनाम की राशि न देने और आयोजन में बदइंतजामी का मुद्दा शांत होता नहीं दिख रहा है। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बकावंड एसडीएम को पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा है। इस बीच आयोजन के लिए ग्राम पंचायतों से बड़े पैमाने पर रकम की उगाही का मामला भी सामने आया है।
बस्तर ओलंपिक के विकासखंड स्तर के विजेता खिलाड़ियों को दो दो हजार रुपए का कैश प्राइज देने का प्रावधान है, मगर बकावंड विकासखंड स्तरीय ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को न प्रमाणपत्र मिला न पुरस्कार की राशि दी गई। इस पर नाराजगी जताते हुए खिलाड़ियों ने सोमवार को जनपद पंचायत कार्यालय का घेराव कर दिया था। क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल व एसडीएम ने किसी तरह मामला शांत कराया। इसके बाद विधायक के हाथों खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र बंटवाए गए और पुरस्कार की राशि शीघ्र ही उनके बैंक खाते में डालने का आश्वासन दिया गया। बताया गया है कि बस्तर ओलंपिक के नाम पर शासन से प्राप्त पांच लाख रुपए का कोई अता पता नहीं है। खिलाड़ियों व एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जनपद पंचायत बकावंड का घेराव किया। इस विरोध प्रदर्शन में बकावंड ब्लॉक के पंचायत प्रतिनिधि व कांग्रेसी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी रैली की रूप में नारेबाजी करते जनपद कार्यालय पहुंचे, जहां जनपद सीईओ की अनुपस्थिति में एसडीम ऋषिकेश तिवारी ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की। एनएसयूआई के अध्यक्ष नीलम कश्यप ने एसडीएम को चार सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा। इधर विधायक लखेश्वर बघेल ने सालभर बाद भी पुरस्कार की राशि खिलाड़ियों के बैंक खाते में न डाले जाने को लेकर घोर आपत्ति दर्ज कराई है। लखेश्वर बघेल ने खिलाड़ियों को आशीर्वाद देते हुए बेहतर प्रदर्शन कर अपने ब्लॉक का नाम रोशन करने को कहा। उन्होंने अवस्थाओं को लेकर ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारियों की जमकर क्लास ली। विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि अधिकारी कर्मचारी खिलाड़ियों की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लें। यदि खिलाड़ियों को लाने ले जाने भोजन व चिकित्सा की उचित व्यवस्था नहीं होती तो उन्हें नहीं ले जाया जाए।
हर पंचायत से वसूले 10 हजार
खबर तो यहां तक है कि बकावंड जनपद में ब्लॉक स्तरीय बस्तर ओलंपिक के आयोजन के नाम पर जनपद क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों से दस दस हजार रुपए की वसूली की गई है। यह राशि पंचायत सचिवों के माध्यम से वसूली गई है।बकावंड जनपद में 93 ग्राम पंचायतें हैं। इस तरह वसूली गई कुल रकम 9 लाख 30 हजार रुपए होती है। जबकि शासन ने भी आयोजन के लिए अलग से फंड उपलब्ध कराया है। शासन से मिला फंड तो गटक ही लिया गया, ग्राम पंचायतों से अवैध तरीके से उगाही गई रकम भी हजम कर ली गई। जबकि खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि तो दूर ढंग से भोजन पानी भी नसीब नहीं हो पाया। उधर सरपंचो व सचिवों ने अपनी जेब से तो दस दस हजार रुपए दिए नहीं होंगे। ग्रामीणों के हित में शासन से आई रकम की हेराफेरी करके ही वे इसकी भरपाई करेंगे। ऐसे में बस्तर ओलंपिक के बहुआयामी आयोजन को भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा देना किसी भी सूरत में जायज नहीं है। अब देखना है कि विधायक लखेश्वर बघेल इसकी तह तक पहुंच पाते भी हैं या नहीं?