रबी फसल में धान की खेती पर प्रतिबंध किसानों पर अत्याचार – कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने रबी सीजन में धान की खेती पर भाजपा सरकार के द्वारा प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हुुये कहा है कि धान और किसान छत्तीसगढ़ की पहचान है, अभिमान है, छत्तीसगढ़ की समृद्धि का आधार है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सरकार रबी फसल में धान बोने वाले किसानों को हतोत्साहित कर रही है। धमतरी, राजनांदगांव और रायपुर जिले के कलेक्टरों के द्वारा कोटवारों के माध्यम से गांव-गांव में मुनादी करा कर धान की फसल नहीं लेने के लिए किसानों को धमकाया जा रहा है। भाजपा सरकार के इशारे पर अधिकारी मौखिक आदेश देकर अघोषित तौर रबी सीज़न में धान के किसानों पर 50,000 रुपए प्रति एकड़ का भारी भरकम जुर्माना लगाने की धमकी दे रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि खेत और मौसम के अनुकूल फसल का चयन करना किसानों का अधिकार है, रबी सीज़न में धान के किसानों को धमकाना अनुचित है, छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय है। अक्टूबर से दिसंबर के मध्य में रबी फसलों की बुवाई होती है। भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के चलते छत्तीसगढ़ के किसान रबी फसल की बोवाई में डीएपी खाद के अनुपलब्धता के चलते पहले ही परेशान हैं, अब धान नहीं लगाने के तुगलकी फरमान से किसानों पर दोहरा संकट खड़ा हो गया है। धान के खेत में दलहन, तिलहन बोने का आदेश व्यवहारिक है। धान के खेत की मिट्टी और मौसम दलहन, तिलहन के अनुकूल नहीं है, ऐसे में धान के किसानों को होने वाली क्षति के लिए कौन जिम्मेदार होगा?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार चुनावी लाभ के लिए 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से खरीदी का वादा तो कर दी है, लेकिन खरीदी के अपने दायित्व से बचना चाहती है। टोकन जारी करने के लिए बनाए गए “टोकन तुहर हाथ“ ऐप ठीक से काम नहीं कर रहा है, आए दिन सर्वर की समस्या जग जाहिर है। गिरदावरी में जो षड़यंत्र पूर्वक हेर-फेर किया गया है, किसान उससे भी व्यथित हैं। कई जगहों पर फर्जी अनावरी रिपोर्ट मंगा कर 21 क्विंटल के स्थान पर मात्र 16 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से खरीदी की जा रही है, जिसके खिलाफ़ कल टेमरी के किसानों ने चक्काजाम कर अपना विरोध प्रदर्शन किया और अब रबी फसल में धान नहीं बोने की धमकी देना भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र को प्रमाणित करता है।

 

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