0 फिर से ट्रेनों को रद्द किये जाने का कांग्रेस विरोध करती है
रायपुर। एक बार फिर से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 49 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया जाना जनता के ऊपर अत्याचार है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बार-बार ट्रेनों को रद्द किये जाने का कांग्रेस विरोध करती है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों को पिछले चार सालों से अचानक रद्द करने का सिलसिला चल पड़ा है। वर्तमान में भी पहले 16 एक्सप्रेस, 5 लोकल एवं फिर 24 ट्रेनों को एक बार फिर से रद्द कर दिया गया है। रेलवे का यह कदम बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण है। इतनी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाना रेल यात्रियों के ऊपर अत्याचार है। रेलवे को यदि मेंटेनेंस करना था तो इसके लिये काम की समय सारणी का ऐसा प्रबंध किया जाना चाहिये जिससे यात्री सुविधायें बाधित न हो।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले चार वर्षो से देश की रेल सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यात्री ट्रेनों की बिना कारण बताये रद्द कर दिए जाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली सैकड़ो यात्री ट्रेनों को अनेको बार महीनो तक के लिए रद्द किया गया है। महीनो पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन करवाने वाले यात्री रेलवे की इस मनमानी से परेशान होते है। शादी ब्याह के सीजनों में रेल्वे बिना बताए, बिना कारण के यात्री ट्रेनों को रद्द कर देती है। रेलवे द्वारा ट्रेनों को रद्द किये जाने का कारण मेंटेनेंस बताया जाता है। जबकि उन्ही ट्रेको पर यात्री ट्रेनों से 50 गुना अधिक क्षमता की मालवाहक ट्रेनों को चलाया जाता है। छत्तीसगढ़ से निकलने वाले कोयले का परिवहन कर दूसरे प्रदेश को भेजने के लिए भी छत्तीसगढ़ की यात्री सुविधाओं को बाधित किया गया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रेल्वे द्वारा जिस प्रकार से यात्री ट्रेनों के संचालन में लगातार कोताही बरती जा रही उससे स्पष्ट हो रहा की रेल्वे यात्री सुविधाओं की अपेक्षा मालवाहक गाड़ियों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही। यह जानबूझकर किया जाने वाला षड़यंत्र है ताकि जनमानस में रेल अलोकप्रिय हो और मोदी सरकार रेलवे को निजी हाथों विशेषकर अडानी समूह को सौप सके। रेल देश के नागरिकों की सबसे सुलभ और लोकप्रिय सुविधा है। आजादी के पहले और बाद में भी सभी सरकारों ने घाटा उठा कर भी जनहित में रेल्वे का संचालन अनवरत जारी रखा। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकारो के समय बड़े पैमानो पर रेलवे का विस्तार हुआ। विद्युतीकरण के कार्य किये गये, सिग्नलों का आधुनिकीकरण हुआ, दूसरी और और तीसरी लाईने बिछाई गयी, तब भी इतनी बड़ी संख्या में कभी ट्रेने बाधित नहीं की गयी। वर्तमान भाजपा सरकार का फोकस केवल माल ढुलाई में है। यही कारण है कि यात्री ट्रेने अचानक बड़ी संख्या में निरस्त की जा रही है। ट्रेनों की लेतलतीफी भी यात्रियों के लिये बड़ी समस्या बन चुकी है, आवागमन के इस भरोसेमंद साधन की छवि को धूमिल करने का षड़यंत्र रचा गया है। रेलवे को बेचने का कोई भी प्रयास देश की जनता के साथ धोखा है, कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है।