अभी तो चावल पकड़ा गया है, अब बाहरी धान खपाने का असली खेल होगा शुरू

0 पीडीएस का चावल पकड़े जाने से प्रशासन अलर्ट 
0  जिले की अन्य राइस मिलों की भी हो सकती है जांच 
(अर्जुन झा) बकावंड। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल की अफरा तफरी में संलिप्त बड़े इंटर स्टेट नेटवर्क का खुलासा होने के बाद अब जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। अब 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी पर भी पैनी नजर रखने की तैयारी कर ली गई है। वहीं बकावंड तहसील के छोटे देवड़ा स्थित नारायण राईस मिल से चावल की बड़ी खेप बरामद होने के बाद बस्तर जिले की अन्य राइस मिलों की भी जांच हो सकती है।
छोटे देवड़ा की नारायण राइस मिल से प्रशासन, खाद्य विभाग और पुलिस की टीम ने रविवार की छापा मारकर 1500 बोरी से भी ज्यादा चावल बरामद किया था। यह चावल आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की राइस मिल से तीन ट्रकों पर लोड होकर यहां पहुंचा था। चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली का है, ऐसा बताया जा रहा है। मगर जिन ट्रकों से चावल को अनलोड होते हुए पकड़ा गया है, वे तीनों ट्रक जगदलपुर पासिंग हैं। इससे इस बात को बल मिलता है कि यहां से पीडीएस के चावल की अफरा तफरी कर पहले आंध्रप्रदेश भेजा जाता है, जहां उसकी रिपेकिंग होती है, फिर उसके बाद उन्हीं ट्रकों के जरिए उस चावल को आंध्रप्रदेश की राइस मिलों का लेबल लगाकर वापस यहां भेज दिया जाता है। इस चावल को यहां के मिलर्स छत्तीसगढ़ स्टेट नागरिक आपूर्ति निगम के हवाले कर मिलिंग का पैसा कमा लेटे हैं और छग शासन द्वारा दिए मिलिंग के लिए दिए गए उत्कृष्ट किस्म के धान को निज हित या व्यापार में इस्तेमाल करते हैं। यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है और इसकी जड़ें पूरे छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा, महाराष्ट्र तक फैली हुई हैं। ये चारों राज्य बस्तर संभाग की सरहद से लगे हुए हैं और इन राज्यों तक चावल, धान आदि के परिवहन में ज्यादा दिक्कत भी नहीं होती है। खबर है कि बस्तर संभाग की कई अन्य राईस मिलों में भी छत्तीसगढ़ और दीगर प्रांतों की पीडीएस का चावल बड़े पैमाने पर खपाया जाता है। दूसरे राज्यों से आए चावल को मिलर्स बाद में वेयर हाउस में जमा कराते हैं।खबर है कि बड़े देवड़ा की राइस मिल से बरामद किया गया चावल छत्तीसगढ़ पीडीएस का है और उसकी बस्तर के सुकमा, बीजापुर जिले से अफरा तफरी की गई थी। सुकमा जिले में कई महीनों का चावल गरीबों को न वितरित कर उसे जंगल के रास्ते आंध्रप्रदेश भेजा गया था। फिर वहां से रिपेक कर फर्जी बिल के माध्यम से बस्तर की राईस मिलों तक पहुंचाया गया था। पीडीएस के चावल की अफरा तफरी करने वाला बड़ा गिरोह सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर जिलों में सक्रिय है। सुकमा जिले में तो खाद्य अधिकारी के संरक्षण में सरकारी कर्मचारी भी इस फर्जीवाड़े में संलिप्त हैं।

धान खरीदी पर पैनी नजर

बस्तर संभाग के धान खरीदी केंद्रों में दूसरे राज्यों, खासकर ओड़िशा का धान बड़े पैमाने पर खपाया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए बस्तर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जिले में धान खरीदी की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य 14 नवंबर से 31 जनवरी तक किया जाना है। कलेक्टर हरिस एस के निर्देशन में धान खरीदी के लिए तैयारी जारी है। जिला स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी धान खरीदी केंद्रों में मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी के रूप में लगाई गई है। कलेक्टर हरिस ने धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने देने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्रों में कांटा- बांट, बारदाना, कम्प्यूटर सेट, प्रिंटर, रखरखाव, पेयजल, स्वास्थ्य किट, छांव, बायोमेट्रिक डिवाईस मशीन, मानव संसाधन सहित अन्य व्यवस्थाओं सुनिश्चित करने कहा है। उन्होंने धान खरीदी केन्द्र में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा आद्रतामापी यंत्र से धान की नमी मापने कहा। कलेक्टर ने धान खरीदी केंद्रों में कोचियों एवं बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी-बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर खरीदी केंद्रों में पंजीकृत किसान के धान के रकबे में खपाने, बेचने का प्रयास करने वालों तथा कोचियों एवं बिचौलियों के द्वारा चिल्हर रूप धान की खरीदी कर समिति पंजीकृत किसान के रकबे में बेचने का प्रयास करने वालों पर नजर रखने की हिदायत कलेक्टर ने दी है। जिले के सीमावर्ती जांच नाको में अवैध धान की आवक पर विशेष निगरानी रखने हेतु जांच नाका धनपूंजी, भेजापदर, कोलावल, बदलावंड, पोटियावंड, नलपावंड और तारापुर में अधिकारी – कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

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