रेखापल्ली मुठभेड़ में मारे गए हैं कई नक्सली, मुठभेड़ स्थल पर खून के धब्बे दे रहे हैं गवाही

0  तीन नक्सलियों के शव और कई हथियार बरामद 
0  मुठभेड़ में मारा गया 8 लाख का इनामी नक्सली 

( अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के रेखापल्ली के जंगलों में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने और गंभीर रूप से घायल होने के संकेत मिले हैं। मुठभेड़ स्थल पर जगह जगह नजर आ रहे खून के धब्बे इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बीजापुर में पत्रकारों को बताया कि बस्तर संभाग अंतर्गत विगत महीनों से प्रभावी नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जा रहा है। नक्सलवाद का सफाया करने के उद्देश्य से बीजापुर पुलिस दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। इसी कड़ी में 8 नवंबर को बीजापुर जिले के उसूर, पामेड़, तर्रेम एवं बासागुड़ा थाना क्षेत्र के जंगलों में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर संयुक्त बल रवाना किया गया था। जहां मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद मौके से वर्दीधारी तीन नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।आईजी ने कहा कि नक्सलियों का आधार इलाका काफी कमजोर हुआ है। अब निर्दोष लोगों को मुखबिरी का आरोप लगाकर वे अपनी उपस्थिति जताना चाहते हैं। पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि बीजापुर जिले के थाना उसूर, पामेड़, बासागुड़ा व तर्रेम क्षेत्र में प्लाटून नंबर 9 कमांडर विज्जा, उसूर एलओएस कमांडर देवा एवं अन्य 30-40 सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना प्राप्त होने पर डीआरजी, एसटीएफ कोबरा 210, 205, सीआरपीएफ 153 की संयुक्त पुलिस पार्टी सर्चिंग अभियान पर गई थी।अभियान के दौरान 8 नवंबर को सुबह 11 बजे रेखापल्ली कोमटपल्ली के जंगल में पीएलजीए बटालियन एवं सीआरसी कंपनी द्वारा सुरक्षा बलों को जान से मारने एवं हथियार लूटने की नियत से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई। सुरक्षा बलों द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कई बार आवाज दी गई। मगर आत्मसमर्पण की बात को नक्सलियों द्वारा अनसुना करते हुए और भी व्यापक पैमाने पर फायरिंग शुरू कर दी गई। फोर्स के पास आत्मरक्षा के लिए जवाबी फायरिंग के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा। इसके बाद जवानों ने मौके पर पोजीशन लेकर जवाबी फायरिंग की। रूक- रूककर अलग-अलग टीम से लगातार मुठभेड़ हुई। जवाबी फायरिंग से खुद को घिरता देख नक्सली घने जंगल पहाड़ की आड़ लेते हुए भाग निकले। पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा अपने -अपने दिए गए टॉस्क वाले क्षेत्र में सर्चिंग कर घटना स्थल से 3 वर्दीधारी पुरुष नक्सलियों के शव एवं 1 नग एसएलआर रायफल, 1 नग स्नाइपर वेपन, 1 नग 12 बोर रायफल, 1 नग पिस्टल, 2 नग भरमार रायफल सहित भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, दवाईयां एवं अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई। घटना स्थल पर जगह जगह खून के धब्बे दिखाई दिए हैं, जिससे प्रतीत होता है कि मुठभेड़ में बड़ी संख्या में अन्य नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना है। वर्ष 2024 में जिले में नक्सलियों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान में अब तक कुल 55 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। 421 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 184 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है। शुक्रवार को मारे गये नक्सलियों के नाम पद एवं उन पर घोषित ईनाम की जानकारी देते हुए एसपी डॉ. यादव ने बताया कि जोगा माड़वी प्लाटून नंबर 10 कमांडर (डीवीसी) ईनाम 8. लाख और दो अज्ञात पुरूष नक्सली शामिल हैं।
उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप ने बताया कि इस ऑपरेशन के उपरांत दक्षिण बस्तर डिवीजन के कोर इलाके के नक्सलियों में भय का माहौल व्याप्त है। क्षेत्र को नक्सली शीर्ष नेतृत्व अपना सुरक्षित ठिकाना मानते हैं।नक्सली नेतृत्व इस ऑपरेशन उपरांत ग्रामीणों एवं अपने निचले कैडर पर दोषारोपण कर रहे हैं। सुरक्षा बलों का नक्सलियों के अटैकिंग फोर्स के स्तंभ पर यह कड़ा प्रहार था। उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ बीजापुर देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि दुर्गम जंगल एवं विकट भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें माओवादी सिद्धांतों के आकर्षण से बाहर निकलना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास एवं शांति कायम हो सके। हम उन सभी मूलवासियों जो बाहरी विचारधारा और बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गए हैं, उनसे अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद एवं नक्सली विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाएं, समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और हथियार व नक्सलवादी विचारधारा का पूर्णतः त्याग व विरोध करें।

अब तक 192 नक्सली हलाक

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने बताया कि प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई नक्सल संगठन के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में बस्तर संभाग के सभी जिलों में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत अब तक 67 महिला नक्सलियों सहित कुल 192 नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं। 782 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 783 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में बस्तर रेंज अंतर्गत हुई विभिन्न मुठभेड़ों में 1 जनवरी 24 से 9 नवंबर 24 तक 3 नग एलएमजी रायफल, 9 नग एके- 47 रायफल, 10 नग एसएलआर रायफल, 8 नग इंसास रायफल, 13 नग 303 रायफल, 4 नग कार्बाइन, 10 नग 9 एमएम पिस्टल, 22 नग बीजीएल रायफल, 167 नग अन्य हथियार समेत कुल 246 हथियार बरामद किए गए हैं।

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