0 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राशि में गड़बड़ी की जांच
(अर्जुन झा) जगदलपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए जारी राशि गलत तरीके से जिला हॉस्पिटल को ट्रांसफर कर वित्तीय हेराफेरी के मामले की जांच शुरू हो गई है। इस बड़े घोटाले में बस्तर के सीएमएचओ डॉ. संजय बसाक का भी नाम सामने आया है। जब घोटाला हुआ तब डॉ. बसाक दंतेवाड़ा जिले के सीएमएचओ थे।
राज्य स्तर पर गठित जांच कमेटी शुक्रवार को दंतेवाड़ा पहुंची। रत्ना अजगले संयुक्त संचालक वित्त की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में प्रदीप टंडन राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, एनयूएचएम, मनोज तिवारी राज्य वित्त प्रबंधक व संगीता पाटनवार राज्य सलाहकार शामिल हैं।
मामले की पड़ताल के लिए राज्य स्तर पर गठित जांच कमेटी ने एनएचएम की साढे तीन करोड़ की राशि को सिविल सर्जन सह अधीक्षक, जिला हॉस्पिटल के खाते में ट्रांसफर करने और उसे नियम विरूद्ध व्यय करने के मामले में पड़ताल शुरू कर दी है। कमेटी ने फाइलें खंगाली और वर्तमान व पूर्व सिविल सर्जन के साथ ही जिले के पूर्व सीएमएचओ व वर्तमान सीएमएचओ को तलब कर बयान दर्ज किए। साथ ही मामले से जुड़े दस्तावेज भी टीम अपने साथ लेकर गई है। बयानों और दस्तावेजों की पड़ताल के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जाएगी। कुछ महीने पूर्व तक दंतेवाड़ा में पदस्थ रहे सीएमएचओ डॉ संजय बसाक व जिला हॉस्पिटल के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ कपिलदेव कश्यप के कार्यकाल में 3.40 करोड़ रुपए की राशि को बगैर कलेक्टर का अनुमोदन लिए ही जिला हॉस्पिटल के खाते में ट्रांसफर किया गया था। जबकि यह राशि अकेले जिला हॉस्पिटल के लिए नहीं, बल्कि जिले भर के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एनएचएम से मिली हुई थी। जिला हॉस्पिटल की सरकारी चेकबुक से 7 पन्ने गायब होने के मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। 7 चेक से कई ऐसे फर्मो को भुगतान करने की बात सामने आ रही है, जिन्होंने हॉस्पिटल में काम ही नहीं किया। इन चेकों से कुल 66 लाख रुपए की गड़बड़ी की बात प्रारंभिक जांच में सामने आई है। इस मामले की बारीकी से जांच कर संबंधितों पर एफआईआर करने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में हॉस्पिटल में पदस्थ कुछ क्लर्क स्टाफ की संलिप्तता की बात सामने आई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद ही नामों का खुलासा हो सकेगा।