स्याह हो गई इनकी दीपावली तो क्या, संवेदनशील ‘दीपक’ की रौशनी तो साथ है

0 आंखफोड़वा कांड के पीड़ितों से मिले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। दीपावली आ गई है, धनतेरस से इसकी शुरुआत हो चुकी है। सबका घर, आंगन जगमगाने लगा है, सबका मन प्रफुल्लित है, हर तरफ खुशियों की बहार नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले के उन दस परिवारों की दिवाली ही नहीं बल्कि अब तो जिंदगी भी स्याह हो चली है, जो आंखफोड़वा कांड के शिकार हुए हैं। बस्तर और छत्तीसगढ़ में एक संवेदनशील दीपक ऐसे पीड़ित परिवारों का संबल बनकर उनके जीवन में छाए अंधेरे को चीरने के लिए हमेशा खड़ा हो जाता है।
हम बात कर रहे हैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की, जो हैं तो बस्तर संभाग के निवासी, मगर राज्य के अंतिम छोर पर बसे दुखियारों के भी आंसू पोंछने पहुंच जाते हैं। धनतेरस के दिन दीपक बैज ने मेकाहारा हॉस्पिटल पहुंचकर दंतेवाड़ा आंखफोड़वा कांड के पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उनके दर्द को करीब से समझा।बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद दस मरीजों की आंखों में इन्फेक्शन हो गया है।. इनमें से ज्यादातर मरीजों की नेत्र ज्योति चली जाने की भी खबर है। इन पीड़ित मरीजों को पहले दंतेवाड़ा से जगदलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां से उन्हें मेकाहारा रायपुर रेफर कर दिया गया है। दीपक बैज धनतेरस के दिन इन्हीं मरीजों से मिलने मेकाहारा पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ितों और उनके परिजनों से पूरे घटनाक्रम और उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधा के बारे में विस्तार से जानकारी ली। दीपक बैज ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि घबराना नहीं सब ठीक हो जाएगा। बाद में इस संवाददाता से चर्चा करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही ने लोगों की आंखों की रोशनी छीन ली है, मगर उनकी तकलीफ में साथ खड़े होकर संवेदनशीलता का दिया जलाए रखना भी जरूरी है। इसीलिए मैं उनसे मिलने मेकाहारा गया था। उल्लेखनीय है कि दीपक बैज छत्तीसगढ़ के हर पीड़ित व्यक्ति, हर पीड़ित परिवार और हर पीड़ित समाज के साथ तत्परता से खड़े हो जाते हैं। कवर्धा के लोहारीडीह कांड हो या बलरामपुर की घटना हो या फिर दंतेवाड़ा का आंखफोड़वा कांड हर जगह दीपक बैज ने अपनी संवेदनशीलता का दीपक जलाए रखा है। हसदेव अरण्य के पेड़ों की कटाई, विरोध कर रहे आदिवासियों के साथ पुलिस की बर्बरता के मामले में भी दीपक बैज दमदारी पूर्वक आदिवासी समुदाय के साथ खड़े नजर आए थे।

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