0 18 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला राय परिवार को
(अर्जुन झा) जगदलपुर। अपने वरिष्ठ अधिकारी की धज्जियां अधिकारी कैसे उड़ाते हैं, इसका एक बड़ा उदाहरण सुकमा जिले में सामने आया है। जहां एक व्यक्ति की निजी जमीन पर स्टेडियम बनवा दिया गया और भूमि स्वामी को न तो बदले में दूसरी जमीन दी गई और न ही उसकी जमीन का मुआवजा दिया गया। हद तो तब हो गई जब कमिश्नर कोर्ट के फैसले को भी सुकमा जिला प्रशासन ने दरकिनार कर दिया।
सुकमा जिले के कोंटा अनुभाग के दोरनापाल के मिठ्ठ पद राय को क्या कभी इंसाफ मिलेगा? यह हम नहीं कह रहे ब्लकि क्षेत्र की जनता कह रही है। क्योंकि राय परिवार के आधिपत्य की जमीन को वर्ष 2006 में अधिग्रहण कर लिया गया था, किंतु वर्ष 2024 भी गुजरने को है, लेकिन आज तक उन्हें न तो बदले में दूसरी जमीन दी गई और न ही अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दिया गया है।दोरनापाल निवासी मिठ्ठपद राय परिवार वर्ष 2006 से 2021 तक न्याय पाने के लिए तहसील कार्यालय से कमिश्नर कार्यालय तक लंबी लड़ाई लड़ी और कमिश्नर का आदेश भी मिट्ठपद राय परिवार के पक्ष में 2021 में आया फिर भी पीड़ित परिवार को सुकमा कलेक्टर से न्याय नहीं मिल पाया।नगर पंचायत दोरनापाल जो पूर्व में ग्राम पंचायत दोरनापाल था तथा उस दौरान तहसील कोंटा जिला सुकमा थे। यहां मिट्ठपद राय के आधिपत्य की भूमि खसरा क्रमांक 118/3 रकबा 0.176 और खसरा क्रमांक 124/294/2 रकबा 0.292 एकड़ में स्टेडियम का निर्माण किया गया।अधिग्रहण के बाद शासकीय नियमानुसार भूमि के एवज में मुआवजा दिया जाना था वह नहीं दिया गया और न ही अधिग्रहित भूमि के बदले कोई दूसरी जमीन दी गई।
सामने आई थी प्रशासन की गलती
पीड़ित मिट्ठपद राय के परिजनों द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के समक्ष इस आशय का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया कि उक्त भूमि पर शासन द्वारा स्टेडियम निर्माण किया गया है। जनदर्शन से मिले पत्र के आधार पर जांच शुरू हुई, जिसमें प्रशासन की गलती सामने आई। बस्तर संभाग के कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा है कि शासकीय स निर्माण हेतु सर्वप्रथम शासकीय अधिकारियों द्वारा स्थल का चयन किया जाना है यदि उस चयनित स्थल पर किसी व्यक्ति के स्वामित्व की निजी भूमि आती है तो उसे अधिग्रहण के माध्यम से अधिग्रहित किया जाता है। यदि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान कोई व्यक्ति जिसकी भूमि अधिग्रहित की जाने वाली है तो वह आवेदन देकर अपनी अधिग्रहित जमीन के बदले अन्य जमीन या शासकीय जमीन से अदला बदली करा सकता है।