कचरु साहू के बेसहारा बच्चों और लोहारीडीह के पीड़ितों के साथ खड़ी है कांग्रेस : दीपक बैज

0 जरूरत पड़ी तो कवर्धा से चलाएंगे प्रदेश कांग्रेस का कामकाज : पीसीसी चीफ
0  कचरु साहू के बच्चों का सहारा बन गए दीपक बैज
(अर्जुन झा) जगदलपुर। कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड का शिकार बने लोगों के लिए कांग्रेस, खासकर इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज बड़ा सहारा बन गए हैं। कवर्धा जिले के लोहारीडीह निवासी कचरू साहू की हत्या कर उसके शव को बालाघाट जिले के जंगल में पेड़ के सहारे फंदे पर टांग दिया गया था। इस हत्याकांड के बाद गांव में बवाल मच गया था। हिंसा और आगजनी शुरू हो गई। आगजनी में एक और ग्रामीण मारा गया। आरोप है कि एक अन्य ग्रामीण की मौत पुलिस की पिटाई से हुई थी। घटना के बाद पुलिस ने दर्जनों ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें कचरु साहू की पत्नी भी शामिल है। कचरु साहू की हत्या और मां के जेल चले जाने के बाद उनके परिवार की तीन नाबालिग बेटियां और एक बेटा बेसहारा हो गए हैं। उनकी पढ़ाई छूट गई है। बच्चों की नानी लोहारीडीह पहुंचकर उनकी देखरेख कर रही है। इस परिवार के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है और न ही कोई कमाने वाला रह गया है। ऎसी विषम परिस्थिति में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परिवार के साथ ही लोहारीडीह के अन्य पीड़ित परिवारों का सहारा बनकर खड़े हो गए हैं। कचरु साहू के बच्चों तथा अन्य पीड़ित परिवारों से ये दोनों नेता दो तीन बार मिल चुके हैं। दो दिन पहले कचरु साहू की बेटियां, सास तथा अन्य पीड़ित ग्रामीण प्रदेश कांग्रेस कार्यालय रायपुर पहुंचे थे।. जहां पीड़ित बेसहारा बच्चों और ग्रामीणों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। सभा को दिवंगत कचरु साहू की बड़ी बेटी ने भी संबोधित किया और आपबीती सुनाई। इस दौरान मंच पर बैठे पीसीसी चीफ दीपक बैज स्व. कचरु साहू की सबसे छोटी बेटी को गोद में लेकर दुलारते नजर आए। सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि लोहारीडीह के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने कांग्रेस हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी और इसके लिए जरूरत पड़ी तो हम कवर्धा में ही डेरा डाल देंगे, अगले चार साल तक प्रदेश कांग्रेस का कामकाज हम कवर्धा से ही संचालित करेंगे। श्री बैज ने कहा कि कचरु साहू की नाबालिग बड़ी बेटी ने इंसाफ के लिए जो लड़ाई लड़ी है, वह सराहनीय है। यह बेटी वीरता पुरस्कार की हकदार है, जिसने शासन, प्रशासन और सरकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है।

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