0 बच्चों को संस्कृति से जोड़े रखने की अच्छी पहल
जगदलपुर। नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे पूरे भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है। डीएवी स्कूल उलनार में शुक्रवार को नवरात्रि के दूसरे दिन नवरात्रि उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
स्कूल में गरबा और डांडिया का आयोजन प्राचार्य के मार्गदर्शन में किया गया। इस मौके पर विद्यालय के अलग- अलग हाउसों के बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने पारंपरिक पोशाक के साथ इस आयोजन में भाग लिया। विद्यालय खुलने के साथ ही रंग-बिरंगे परिधान में प्रफुल्लित होकर विद्यालय आए बच्चों में गरबा नृत्य में प्रतिभागिता का जोश अवर्णनीय था। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत शिक्षक कृष्णकांत बर्मन द्वारा मां नवदुर्गा की स्तुति वंदना के साथ किया गया। जिससे विद्यालय प्रागंण भक्तिमय हो गया। कक्षा नर्सरी से तीसरी तक के विद्यार्थियों ने नवदुर्गा के रूप धर कर मां दुर्गा के नव स्वरूप का दर्शन और चित्रण करते हुए दुर्गा स्तुति महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत पर नृत्य मंचन किया। कक्षा छठी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के द्वारा डांडिया और गरबा नृत्य के माध्यम से मां दुर्गा की पूजा अर्चना और आराधना की गई। प्राचार्य शमनोज शंकर ने सभी प्रतिभागियों के अभिनय की प्रशंसा की और छात्र- छात्राओं को नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होनें नवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा कि यह उत्सव हर साल मनाया जाता है हर साल यह हमें हमारी मूलभूत शिक्षाएं जैसे सत्य धर्म और निष्ठा को सुदृढ़ बनाने हेतु हमें प्रेरित करता है उन्होंने कहा कि हम कितना भी पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हो जाएं, लेकिन हमारी पौराणिक शिक्षाएं जीवन का अंग रही हैं और हमेशा रहें lगी। उन्होंने यह भी कहा कि नवरात्रि का पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है और विद्यालय में इस तरह का आयोजन बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़ता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के विद्यार्थी, समस्त स्टाफ का योगदान रहा।