0 जो निर्दोष जेल में बंद है उनको रिहा किया जाये, पीड़ितो को 50 लाख मुआवजा दिया जाये, पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाई जाये
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि लोहारीडीह गांव में तीन-तीन हत्या होने की घटना आपसी रंजिश में और पुलिस मार पीट में प्रशांत साहू की हत्या ये तीन मामले में पूरे प्रदेश को झंझोर दिया है पूरी मानवताये शर्मसार हो गयी है। क्योंकि जेल में बंद जो कैदी है उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है, न बैठ पा रहे है, न चल पा रहे है या जो महिला जेल में बंद है या जो कवर्धा जेल में बंद है पुरुष उसकी बात कर रहे है। इस बात को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बंद का आवाहन किया था और बहुत सफल रहा, जो संदेश देना था वो सफल रहा जनता तक के लिये और सरकार के लिये। इसमें एसपी, कलेक्टर, डीएसपी को हटाया गया और रेंगाखार थाना से पूरे स्टाफ को बदल दिया गया। सरकार पहले इसे आत्महत्या की घटना बता रहे थी। अब सरकार ने स्वीकार कर लिया की ये सरकार की नाकामी है। इसमें 2 से 3 तीन बाते है, पहला हम लोगों ने कवर्धा जेल में जाकर के लोहाराडीह के लोगो से मुलाकात करें। दुर्ग जेल में भी आवेदन लगाया और हम लोगों को उनसे मिलने से रोक दिया गया। जबकि हमारे कांग्रेस के सारे विधायक थे और साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू भी थे, लेकिन मिलने की अनुमति नहीं मिली। एक विधायक को उनके कार्य में रोकने का जो मामला विधानसभा में प्रश्न उठा रहे है। विधानसभा कभी समाप्त नहीं होता और निरंतर चलते रहता है और विधायक के अपने जो दायित्व होता है उनका निर्वहन हम लोग करना चाहते थे और हम लोगों को प्रशासन ने रोका और मिलने की अनुमति नहीं दी गयी।
प्रशांत साहू की जो मां है और उनके शरीर के विभिन्न हिस्सो में जो मार पड़ी है और उसके दोनो भाई के शरीर में जिन चोटो के निशान है और उन्होंने बताया कि लोहारीडीह के जो लोग गिरफ्तार हुये है उनकी स्थिति भी इसी प्रकार से जो सभी के शरीर में चोट के निशान है, कोई खून की उल्टी कर रहा है, कोई चल नहीं पा रहा है, कोई उठ बैठ नहीं पा रहा है, कोई खा पी नहीं पा रहा है ये स्थिति बनी हुयी है। सबसे पहले मेरी डिमांड है कि लोहारीडीह के जो लोग जेल में बंद है उनको अस्पताल में भर्ती कराये और उन सभी के पूरे शरीर की जांच कराये, जो बहुत सारी चोटे है वो बाहरी दिखाई दे रहे है और जो बहुत सी चोटे अदरूनी है। क्योंकि बेतहाशा मारे है डंडे से मारे है, पट्टे, लात घूसे से मारे है उससे अदरूनी चोट भी हो सकते है। इसलिये इन सब का पूरे बॉडी का चेकअप कराना चाहिए और प्रॉपर इलाज मिलना चाहिए यह पहली प्रमाण है। दूसरी डिमांड यह है कि मेडिकल जांच के बाद इंक्वायरी होनी चाहिये, न्यायिक जांच होना चाहिए, इसमें एसडीएम क्या जांच करेगा अपने कलेक्टर के खिलाफ, अपने एसपी सीनियर अफसर के खिलाफ क्या जांच करेगा? इसमें न्यायिक जांच होनी चाहिये। तीसरी बात यह है कि जो मृतक परिवार है प्रशांत साहू उनकी पत्नी की पहले से मृत्यु हो चुकी है। आठ साल का एक लड़का है और अब कोई नहीं है उनकी व्यवस्था होनी चाहिये। कचरू साहू उर्फ शिवप्रसाद साहू उनके पांच बच्चे है सभी नाबालिक है दो बड़ी लडकिया एक 9वी क्लास में है और 6वी क्लास में और 1 छोटा बच्चा गोद में है और उनकी पत्नी जेल में बंद है। जो मृतक है उनके पत्नी को भी जेल में डाल दिया गया है। पांचो बच्चा घर में है उनकी कोई व्यवस्था नहीं है। जब हमारी सरकार थी पूर्व में तब भाजपा के लोग 50-50 लाख का मांग करते थे तो इनके परिवार को भी 50-50 लाख रुपया दिया जाये। पुलिस प्रशासन में मान लिया है कि गलत गिरफ्तारिया हुयी है और स्वीकार कर लिया, तो दोषियों पर कार्यवाही भी की जाये। कचरू की हत्या हुयी और उनका पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। 1 व्यक्ति भिलाई सुपेला में काम करता है और वह 3 बजे वहां पहुंचता है उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे लोगो को गिरफ्तार कर लिया गया जो थे ही नहीं और सब को जेल में बंद कर दिया और निर्दोष लोग की रिहाई किया जाये।