0 इस्पात मंत्री ने साफ कर दिया सरकार का रुख
(अर्जुन झा) जगदलपुर। केंद्र सरकार बस्तर संभाग के एकमात्र बड़े उद्योग नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के बारे में सोच भी नहीं रही है, बल्कि उसे और भी मजबूत और प्रोडक्टिव बनाने की दिशा में काम कर रही है। ताकि बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों की भलाई हो सके।
इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी ने दोहराया है कि नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। सरकार निजीकरण के बारे में सोच भी नहीं रही है, बल्कि यह सोच रही है कि कैसे नगरनार स्टील प्लांट को और मजबूत बनाया जाए। इस दिशा में कार्ययोजना तैयार हो इसलिए मैं नगरनार प्लांट के निरीक्षण और काम को समझाने आया हूं। इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी सोमवार को बस्तर जिले के प्रवास पर आए थे। इस दौरान उन्होंने नगरनार स्टील प्लांट का दौरा किया। सूत्र बताते हैं कि मंत्री कुमार स्वामी ने वहां उत्पादन गतिविधियां देखी और सीनियर अफसरों के साथ बैठक कर इस्पात संयंत्र को और भी प्रोडक्टिव और अत्याधुनिक बनाने के बारे में रायशुमारी की। कहा जा रहा है कि संयंत्र को आधुनिक बनाकर और उसकी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर वहां रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। ताकि इस्पात संयंत्र में बस्तर और छत्तीसगढ़ के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां मिल सकें। इस्पात मंत्री ने इस आशय का दोबारा संकेत देकर अटकलों और फैलाई जा रही भ्रान्तियों को दूर कर दिया है। विदित हो कि नगरनार इस्पात संयंत्र की स्थापना के बाद से ही उसके निजीकरण की अटकलों का दौर चल रहा है। कांग्रेस इस मामले में ज्यादा हमलावर रही है। कांग्रेस कभी नीलामी प्रक्रिया शुरू होने, तो कभी अडानी ग्रुप के हाथों प्लांट को बेचने, कभी प्लांट के शेयर बेचे जाने तो कभी केंद्र सरकार की वेब साइट में प्लांट के विनिवेशीकरण की प्रक्रिया जारी रहने की बात उछाल कर केंद्र सरकार को घेरती रही है। केंद्र सरकार से इस बारे जवाब मांगने में कांग्रेस के छोटे कद वाले नेता भी पीछे नहीं रहे। वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा के नेता अब तक मौन साधे बैठे हैं। इससे बस्तर के लोगों की बेचैनी और बढ़ चली थी।अब जबकि स्वयं इस्पात मंत्री ने निजीकरण की बात को सिरे से खारिज कर दिया है, तब धुंध छंट जाएंगे ऎसी उम्मीद है।