0 नगरनार स्टील प्लांट को बेचोगे तो नहीं?
0 आज नगरनार स्टील प्लांट के विजिट पर आ रहे मंत्री
(अर्जुन झा) जगदलपुर। केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी आज 16 सितंबर को बेंगलुरु से जगदलपुर पहुंचेंगे। वे यहां बहुचर्चित नगरनार स्टील प्लांट का अवलोकन करने के बाद शाम को जगदलपुर से रायपुर जाकर सीधे भिलाई चले जाएंगे। कुमार स्वामी 17 सितंबर को भिलाई स्टील प्लांट का अवलोकन करने के बाद शाम को रायपुर एयरपोर्ट लौटकर नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री के बस्तर आगमन को लेकर यहां के लोगों में काफी उत्सुकता है। खासकर नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के संबंध में मंत्री कुमार स्वामी से बस्तर पूछ रहा है कि नगरनार स्टील प्लांट को बेच तो नहीं दोगे?बस्तर संभाग के नागरिक और बस्तर के आदिवासी इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी से यह स्पष्ट जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार की वेबसाइट में साफ नजर आ रहा है कि बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के नजदीक संचालित राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के नगरनार स्टील प्लांट को बेचने अथवा उसमें विनिवेशीकरण की प्रक्रिया तेजी से प्रारंभ हो चुकी है। बस्तर वासियों और यहां के बहुसंख्यक आदिवासियों का कहना कि पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल के दौरान जब केंद्र में भाजपा के पूर्ण बहुमत की सरकार थी तब विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के दौरान बस्तर प्रवास पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर की जनता और बस्तर के आदिवासियों के साथ तथा समूचे छत्तीसगढ़ की जनता से ताल ठोंकते हुए वादा किया था नगरनार स्टील प्लांट को हरगिज नहीं बचेंगे। प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा था कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के आदिवासियों का है, उसे उनसे कोई नहीं छीन सकता। जबकि आज केंद्र सरकार की वेबसाइट बता रही है कि नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आज बस्तर पूछ रहा है कि क्या बस्तर की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने झूठ बोला था? बस्तर इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी से यह भी पूछता है नगरनार स्टील प्लांट के बारे में केंद्र सरकार की असल नीति क्या है, इस बारे में मंत्री कुमार स्वामी अपनी राय स्पष्ट करेंगे? इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री श्री कुमार स्वामी से बस्तर यह भी पूछ रहा है कि जब बस्तर संभाग के किरंदुल, बैलाडीला और बचेली में एनएमडीसी की बड़ी बड़ी लौह अयस्क खदानें हैं तथा सबसे ज्यादा राजस्व छत्तीसगढ़ से मिलता है तो एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर अथवा रायपुर में क्यों नहीं हो सकता? पूछता है बस्तर, जानना चाहता है बस्तर।