आदिम जाति कल्याण विभाग में वसूली रैकेट सक्रिय, छात्रावास अधीक्षकों से की जा रही उगाही

0 छात्र छात्राओं का हक मारकर अफसरों को दिया जा रहा है कमीशन 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग में आदिवासी छात्र छात्राओं का हक मारकर अधिकारी कर्मचारी अपना घर भरने में लगे हुए हैं। आश्रम एवं छात्रावासी विद्यार्थियों के खानपान व अन्य सुविधाओं के लिए शासन से दिए जाने वाले लाखों रुपयों की बंदरबांट चल रही है। छात्रावासों के अधीक्षक अधीक्षिकाओं से वसूली आदिम जाति कल्याण विभाग के मंडल संयोजक के जरिए कराई जा रही है। ऎसी ही वसूली का एक ऑडियो बीजापुर जिले से सामने आया है। इसे लेकर अब कांग्रेस के लोग विष्णु देव साय सरकार पर निशाना साधते हुए उसे कमीशन वाली सरकार करार दे रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रमों, कन्या परिसरों और छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं को नियमित रूप से पौष्टीक भोजन, नाश्ता, साबुन, सेनेटरी नेपकिन, बिस्तर, गद्दे, चादर, कम्प्यूटर व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने, भवनों के रख रखाव आदि के लिए शासन द्वारा प्रतिमाह हर छात्रावास व आश्रम को लाखों रुपयों का आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। इस रकम पर विभागीय अधिकारियों की नजर गड़ी रहती है। छात्र छात्राओं को स्तरहीन चावल, दाल, सब्जी व नाश्ता देकर रकम अंदर कर ली जाती है। चादरों, बेडशीट की सालों धुलाई नहीं करवाई जाती, न बच्चों को नहाने व कपड़े धोने के साबुन दिए जाते हैं और न ही छात्रवृत्ति की पूरी रकम दी जाती है। इन मदों पर बोगस खर्च बताकर पूरी रकम आपस में बांट ली जाती है। हर अधीक्षक अधीक्षिका से बाकायदा हर माह 15 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक की वसूली की जाती है। वसूली की जिम्मेदारी विभाग के मंडल संयोजक को दी गई है, जो हर माह वसूली के ही काम में लगा रहता है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में एक शिक्षक को मंडल संयोजक नियुक्त कर उसे वसूली में लगा दिया गया है। इस शिक्षक सह मंडल संयोजक कैलाश रामटेके की वसूली का एक ऑडियो इन दिनों बीजापुर जिले में. जमकर वायरल हो रहा है। यह ऑडियो मंडल संयोजक और किसी लक्ष्मी नामक छात्रावास अधीक्षिका के बीच फोन पर हुई बातचीत का बताया जा रहा है जिसमें मंडल संयोजक द्वारा लक्ष्मी से कहा जा रहा है कि तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठाती? तुम रकम भेजो, मैं अपने भाई को भेज रहा हूं उसे दे देना। हर माह साहब तक पैसा पहुंचाना जरूरी है। महिला 10 यानि 10 हजार देने की बात कहती है, तो मंडल संयोजक पूरे 30 हजार की डिमांड करता है। इसी बीच मंडल संयोजक पूछता है कि पहले रुपए किसे देते थे, तब महिला बताती है कि विष्णु सर को देते थे। फिर मार्च अप्रैल के बकाया की बात होती है। किसी सीमा का जिक्र होता है। कथित संयोजक कहता है कि कमिश्नर को हर माह 50 हजार रुपए देना पड़ता है। इसी दौरान मंडल संयोजक यह भी कहता है कि जो रकम नहीं देगा, उसे हटा दिया जाएगा। ऑडियो में कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त तक को रकम देने की बात कही जा रही है।

कांग्रेस के निशाने पर सरकार

आदिम जाति कल्याण विभाग में वसूली का यह ऑडियो टेप सामने आने के बाद अब विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार को निशाने पर ले लिया है। कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी बच्चों का निवाला छीनकर कमीशन खाने वाली सरकार चल रही है। किसी पंकज सिंह भदौरिया ने बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी को टैग करते हुए अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है – कल जो है कमिश्नर साहेब के लिए 15-15 हजार दिए चारों मंडल संयोजक, इससे पहले 50-50 हजार दिए फिर 25-25 हजार दिए सबका मिलाकर मैं लूंगा. ठीक है मैं 10 लेकर आई हूं ले लो। यह ऑडियो बीजापुर जिले की शिक्षा व्यवस्था में पसरी अव्यवस्था को बताने के लिए काफी है, जिस पर दीमक की तरह कमिश्नर स्तर के अधिकारी मंडल संयोजक के जरिए 15, 25, 50 लेते हैं लक्ष्मी जैसी अधीक्षिका मजबूरन देती है। वैसे भी बीजापुर जिले का ट्रैक रिकॉर्ड सबको पता है। पोस्ट करने वाला पंकज भदौरिया आगे लिखते हैं कि वायरल ऑडियो की मैं पुष्टि नहीं करता, मगर दावे के साथ कह सकता हूं कि ऐसे जिले में आदिवासी बच्चे शिक्षा के मंदिरों में सुरक्षित नहीं हैं। क्योंकि उनका हक कमिश्नर के नाम पर छीनकर उन्हें कुपोषण दे रहे हैं।

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