0 भाजपा सरकार का बजट प्रावधान कागजी दिखावा, वित्त मंत्री ने स्वयं माना है कि 13 विभाग बजट आबंटन को खर्च नहीं कर पा रहे
रायपुर। अपनी ही सरकार के मंत्रियों को छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री द्वारा बजट की राशि में खर्च बेहद कम करने को लेकर पत्र लिखे जाने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि ओपी चौधरी ने अपने ही सरकार के विकास के दावों की पोल खोल दी है। वित्तमंत्री के पत्र से स्वत ही यह स्थापित हो रहा है कि भाजपा की सरकार के पास विकास योजना और निर्माण कार्यों के लिए इच्छा शक्ति का अभाव है। छत्तीसगढ़ शासन के पांच मंत्रियों के 13 विभागों की स्थिति पूंजीगत व्यय के मामले में पिछले वर्ष की अपेक्षा बेहद कम है, निर्माण कंपनियों और ठेकेदारों का भुगतान निर्धारित समय अवधि में नहीं हो रहे हैं। नई सड़के बनानी तो दूर रखरखाव तक सही तरीके से नहीं कर पा रही है यह सरकार। नये पुल पुलिया निर्माण, स्कूल कालेज, आंगनबाड़ी, अस्पताल, सार्वजनिक भवन, सरकारी कार्यालय भवनों सहित तमाम निर्माण और रखरखाव का काम पूरी तरह से बंद है।
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि बजट आवंटन के बावजूद जन सुविधा और कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जिन विभागों की आक्रमान्यता के चलते राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं उनमें स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, पीएचई (लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी), नगरीय प्रशासन, विधि और विधायी कार्य विभाग, जल संसाधन विभाग, वन एवम जलवायु परिवर्तन परिवर्तन विभाग, आदिमजाति विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग और कृषि विभाग तथा किसान कल्याण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही गृह विभाग भी शामिल है। एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में बदहाली का आलम है, वहीं जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण विभाग बजट आवंटन की राशि खर्च नहीं कर पा रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार की अकर्मण्यता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी की फर्जी गारंटी और साय सरकार के कुशासन पर परदेदारी करने से लिए छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने छात्रवृत्ति, खेल एवं युवा कल्याण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण के मद का पैसा वापस बुलवा कर महतारी वंदन के खातों में एडजस्ट किया। सरकारी अस्पतालों में जांच और दवा का अभाव है, टीबी तक की दवाएं सरकारी अस्पताल से गायब है, टीबी के मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए जो 500 रूपए प्रति माह की सहायता राशि दी जाती थी, भाजपा सरकार आने के बाद से वह राशि भी हड़प लिया गया है। रेडी टू इट का भुगतान बाधित है, तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना बंद है, बेरोजगारी भत्ता बंद है, अनियमित कर्मचारियो के वेतन रोक दिये गये है, ठेकेदारों के भुगतान नहीं हो रहे है, आयुष्मान से इलाज करने वाले अस्पताल फंड के लिए भटक रहे हैं और यह सरकार केवल विज्ञापनों में खोखले दावे करके अपनी पीठ थपथपा रही है।