नौकरी देने के नाम पर युवक से वसूले 50 हजार, दिहाड़ी करवाई और फिर कर दिया बाहर


0  रकम वापस पाने और नौकरी के लिए गुहार लगा रहा ग्रेजुएट आदिवासी 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। लैम्पस सोसाइटी बड़े मुरमा में कम्प्यूटर ऑपरेटर सह चौकीदार के पद के लिए ग्रेजुएट एवं कंप्यूटर कोर्स में डिप्लोमा धारी गोंड़ आदिवासी युवक रमाकांत ध्रुव पिता लछिंचर ध्रुव निवासी छोटे मुरमा से 50 हजार रुपए ऐंठे जाने का मामला सामने आया है। नौकरी के नाम पर उगाही के आरोप लैंपस सोसाइटी बड़े मुरमा के प्रबंधक सोहन ठाकुर और लैंपस के प्रशासनिक अधिकारी रवि भूषण राव निवासी बोधघाट जगदलपुर पर लगे हैं। बताया गया है कि लैंपस में पक्की नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपए वसूल लिए गए और कुछ माह तक दिहाड़ी मजदूर के रूप में कार्य कराने के बाद पीड़ित आदिवासी युवक को काम से हटा दिया गया। अब उसकी जगह दो अन्य युवकों को रखने की तैयारी की जा रही है।
पीड़ित आदिवासी युवक रमाकांत ध्रुव ने मामले में सर्व आदिवासी समाज बस्तर जिला इकाई से इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। रमाकांत ने समाज को प्रेषित शिकायत पत्र में बताया है कि वह विज्ञान विषय में स्नातक है और उसने डीसीए कम्प्यूटर डिप्लोमा शिक्षा प्राप्त की है।उसने लैम्पस बड़े मुरमा के प्रबंधक सोहन ठाकुर और लैम्पस के प्रशासनिक अधिकारी रवि भूषण राव निवासी बोधघाट जगदलपुर से कार्य पर रखने हेतु संपर्क किया तो लैंपस सोसाइटी बड़े मुरमा में कम्प्यूटर ऑपरेटर व चौकीदार के पद पर नियुक्ति हेतु दोनों अधिकारियों द्वारा 50 हजार रूपए की मांग की गई। आय का कोई साधन न होने के कारण नौकरी के लालच में रमाकांत ध्रुव ने ग्राम बोदल निवासी अपने रिश्तेदार शंकर नाग से दस हजार रूपए उधार में लेकर प्रबंधक सोहन सिंह ठाकुर के साथ रवि भूषण राव के जगदलपुर स्थित घर में जाकर दिए। तब माह सितम्बर 2023 से लैम्पस में काम पर बुलाया गया। रमाकांत से कम्प्यूटर ऑपरेटर तथा चौकीदारी का काम लिया जाता था। धान खरीदी के समय रवि भूषण राव लैम्पस में दिसम्बर 2023 में निरीक्षण जांच पर आए थे, तब उन्होंने बचे 40हजार रूपए की मांग की और कहा कि पूरा पैसा मिलने के बाद ही तुम्हें नियुक्ति का आदेश मिलेगा। इसके बाद रमाकांत ने अपने बड़े भाई कृष्ण कुमार ध्रुव से 40 हजार रुपए उधारी में मांग कर लैम्पस प्रबंधक की मध्यस्थता में श्री राव को 40 हजार रुपए और दिए।. इस तरह रमाकांत ने कुल 50 हजार रुपए रवि भूषण राव को दिए थे। नियमित वेतन की मांग पर प्रबंधक द्वारा बैंक के हेड ऑफिस से आदेश पर मिलने का आश्वासन दिया जाता था। दैनिक मजदूरी के नाम पर अलग-अलग दिवस पर मासिक लगभग 2 हजार रुपए प्रबंधक सोहन ठाकुर देते रहे। जुलाई 2024 में रमाकांत को लैम्पस कार्य से बाहर कर दिया गया। उसके, 50 हजार रुपए भी रवि भूषण राव और प्रबंधक सोहन ठाकुर ने वापस नहीं किए। जानकारी मिली है कि अब रमाकांत की जगह कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्य के लिए रमेश सेठिया बड़े मुरमा एवं जितेंद्र सेठिया बड़े मुरमा के पुत्रों को नियुक्त करने की तैयारी की जा रही है। खबरों के मुताबिक उक्त दोनों लोगों से भी रवि भूषण राव द्वारा मोटी रकम ली गई है। रमाकांत का आरोप है कि आदिवासी होने के कारण उसके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करते उसे काम से बाहर किया गया है। रमाकांत ध्रुव के मुताबिक 13 अगस्त 2024 को लैम्पस समिति की बैठक में श्री राव पहुंचे थे। सूचना मिलने पर रमाकांत ध्रुव भी वहां पहुंचा था। रमाकांत ने श्री राव से उसे कार्य से बाहर निकालने का कारण जानना चाहा, जिस पर श्री राव गुस्से में आ गए और कहने लगे कि तुम आदिवासी नेताओं के पास मेरी शिकायत करते हो, मैं तुम्हारे ऊपर एफआईआर करा दूंगा। बैठक में शंकर नाग बोदल, नुकेश सेठिया व अन्य के मौजूदगी थी। ग्यारह रमाकांत से काम छीन लिया गया और नौकरी के नाम पर ली गए 50 हजार रुपए भी वापस नहीं किए गए।

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