राजमिस्त्री दीपेश के हत्यारो पर कड़ी कार्यवाही की जाये – बैज

0 भाजपा सरकार में आदिवासी सुरक्षित नहीं, अपराधी बैखौफ हैं

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सीतापुर में दीपेश उर्फ संदीप की हत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आदिवासी वर्ग की रक्षा नहीं कर पा रहे। भाजपा सरकार में अपराधी बेखौफ है। प्रदेश में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। सरकार अपराधिक घटनाओ को रोक नहीं पा रही है। अपराध होने के बाद अपराधियो को बचाने एफआईआर दर्ज होने नहीं देती है। प्रदेश में कानून नाम की चीज नहीं है। अपराधी बेलगाम हो गये है। राज मिस्त्री के हत्या के आरोपियों के खिलाफ एस्ट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाये। हत्यारो को को कड़ी सजा दी जाये। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियो पर भी कार्यवाही कि जाये। आदिवासी वर्ग कि सुरक्षा सुनिश्चित किया जाये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में सरगुजा जिले के सीतापुर में ठेकेदार एवं उनके गुर्गो के द्वारा आदिवासी राजमिस्त्री दीपेश उर्फ़ संदीप की पीट पीट कर जघन्य हत्या कर देते हैं, शव को गड्डा में दबाकर उस पर पानी की टंकी बना दिया जाता है। ठेकेदार के द्वारा पुलिस से मिली भगत कर मामला को दबाने के लिए मृतक के खिलाफ ही चोरी के मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। राज मिस्त्री के पत्नी अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत थाना में दर्ज कराती है, लेकिन पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लेती है। पूरे मामले में लीपा पोती का प्रयास किया जाता है। पीड़ित के साथ आदिवासी समाज जब थाना का घेराव करती हैं, तब ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाता है। भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार के 9 महीने में आदिवासी वर्ग के लोगों पर हमला हो रहा है। बेटियों के साथ दुराचार की घटना हो रही है। आदिवासी वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा। आदिवासी वर्ग के जल जंगल जमीन पर कब्जा करने षड्यंत्र रचा जा रहा है। राजधानी रायपुर में पढ़ने आए बस्तर के आदिवासी युवा को पीट पीट कर मार डाला जाता है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित जनजाति, बैगा जनजाति की परिवार सहित हत्या कर दी जाती है। रायगढ़ में आदिवासी बेटी के साथ गैंगरेप की घटना होती है। बस्तर में नक्सलियों एवं जवानों की गोली के शिकार निर्दोष आदिवासी हो रहे हैं। लगातार आदिवासी वर्गों पर हमला हो रहा है।

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