0 कौड़ावंड पंचायत के मादियागुड़ा में कारनामा
(अर्जुन झा) बकावंड। विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायतों द्वारा कराए जाने वाले हर कार्य में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। नाली, सड़क, भवन, शेड आदि कार्यों में जमकर कमीशनखोरी चल रही है। पंचायत प्रतिनिधि और सचिव अवैध कमाई की लालसा में इस कदर डूब चुके हैं कि अब देवी देवताओं से जुड़े कार्यों में भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला विकासखंड की ग्राम पंचायत कौड़ावंड के आश्रित ग्राम
मादियागुड़ा में सामने आया है।
2022-23 में आदिवासी संस्कृति परिरक्षण एवं विकास योजना के तहत मादियागुड़ा के भंगाराम मंदिर मरम्मत कार्य के लिए 1 लाख, 50 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे। इतनी राशि में एक अच्छा सा मंदिर निर्माण किया जा सकता था, लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच सचिव ने मंदिर के मरम्मत कार्य में अपनी मनमानी की और काम चलाऊ मरम्मत कार्य कराया है। ग्रामीणों और भंगाराम मंदिर के पुजारी का कहना है कि बार-बार बोलने के बाद भी मंदिर का मरम्मत कार्य घटिया एवं गुणवत्ता विहीन कराया गया है। सरपंच और सचिव ने मंदिर मरम्मत के लिए मिली राशि की बंदरबांट कर ली है। ढंग का कार्य नहीं किया गया है। मरम्मत के नाम से स्वीकृत डेढ़ लाख रुपए में से महज 30 हजार रूपए ही खर्च किए गए हैं। इस देवगुड़ी के पास आस्था का प्रतीक एक चबूतरा भी है। लोग इस चबूतरे को भी देवतुल्य मानकर उसका दर्शन पूजन करते हैं। मंदिर में बैठने के लिए टाइल्स लगाए गए हैं, मगर प्लास्टर तक नहीं करवाया गया है। गांव के ग्रामीण पंचायत के सरपंच व सचिव के पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सरपंच सचिव के कार्यों से ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि फर्जी बिल लगाकर राशि हजम कर ली गई है।