चेंबर ऑफ कामर्स में संविधान संशोधन के लिए लुंकड़ ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा…

0 व्यापारिक हितों के लिए चेंबर से टकराव लेने को भी हूं तैयार : अशोक लुंकड़
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज चुनाव में उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे अशोक लुंकड़ ने कहा है कि व्यापारियों के हित के लिए चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज की मोनोपली तोड़ने की शुरुआत हो गई है। व्यापारिक हितों के लिए वह हमेशा लड़ाई लड़ते रहेंगे।
श्री लुंकड़ ने आगे कहा कि व्यापारिक हितों के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिससे अन्य व्यापारियों को फायदा मिलेगा।उक्त बातें कलेक्टोरेट स्थित एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अशोक लुंकड़ ने कही। श्री लुंकड़ ने आगे कहा कि चेंबर में एकाधिकार व परिवारवाद को खत्म करने चुनाव लडा हूं। विपक्षी की जीत से ज्यादा मेरी हार के चर्चे पूरे व्यापारियों में है, मैंने लोगो के दिल में जगह बनाई है। मैं चाहता हूं कि जन कल्याण की आवाज चेंबर बने। बस्तर के विभिन्न जिलों से आए व्यापारी भाईयों के साथ -साथ जगदलपुर के व्यापारी जिनकी संख्या 750 से ज्यादा थी, उनका साथ मिला, मैं उनकी बातों को हर मंच में अगुआई करुंगा ।

चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के निवर्तमान अध्यक्षों के कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए अशोक लुंकड़ ने कहा कि वह व्यापारिक हितों के लिए कभी लड़ाई नहीं लड़े ब्लकि स्वार्थ सिद्धि के लिए चेंबर में कब्जा जमाए रहे। श्री लुंकड़ ने प्रकाश अग्रवाल व शम्मी कपूर के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि चेंबर की गलत बातों को उजागर करने वाले व्यापारिक साथियों के साथ गुंडागर्दी करते हुए उन्हें चेंबर से निकाला गया। चेंबर के कई बड़े पदाधिकारियों ने सदस्यता छोड़ी और उन्होंने एक संघ भी बनाया। श्री लुंकड़ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चेंबर परिवारवाद का तानाबाना बन कर रह गया है और बोथरा परिवार अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए चेंबर का ग़लत उपयोग कर रहा है। श्री लुंकड़ से जब बारंबार बोथरा परिवार का नाम लेने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि बात बोथरा व लुकंड परिवार की नहीं, बल्कि चेंबर में एकाधिकार की लड़ाई है। चेंबर व्यापारिक हितों के लिए बना संगठन है। श्री लुंकड़ ने कहा कि चुनाव के दौरान मेरे उपर राजनीतिक एजेंडा थोपने का आरोप मढ़ा गया, लेकिन व्यापारियों ने जिस प्रकार साथ दिया उसके तहत विरोधियों की बात गलत साबित हुई। 53 वर्षों से एकाधिकार करने वाले क्षत्रपों को चुनाव में सड़क पर उतरना पड़ा यह मेरी नहीं व्यापारिक एकता की जीत है। श्री लुंकड़ ने विरोधियों की उन बातों का खंडन किया कि स्वास्थ्य सुविधा, केशकाल घाट, भारत माला परियोजना, नगरनार स्टील प्लांट, सड़क , बिजली, पेयजल,जीएसटी सहित निगम की लचर व्यवस्था राजनीतिक ही नहीं व्यापारिक हितों व उनसे जुड़ा मुद्दा है ‌जिसमें व्यापारी ज्यादा परेशान होते हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान अशोक लुंकड़ के साथ सराफा व्यवसायी गौतम लुंकड़ व वरिष्ठ व्यापारी चम्पा लाल संत भी मौजूद थे।

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