बदहाल होती शिक्षा व्यवस्था से ध्यान भटकने AI और रोबोटिक प्रशिक्षण की बात कर रहे हैं – सुरेंद्र वर्मा

रायपुर। बस्तर के स्कूलों में AI और रोबोटिक प्रशिक्षण के सरकार के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जब-जब भाजपा की सरकार आती है तब तब भाजपा की सरकारों के द्वारा शिक्षा व्यवस्था षड़यंत्र पूर्वक बाधिक करने का काम किया जाता है। सुदूर बस्तर में कार्यरत विद्यामितानों को नौकरी से जबरिया निकाल दिया गया है, बस्तर के ज्यादातर स्कूलों में बिजली और इंटरनेट के कनेक्शन नहीं है, प्रदेश के सैकड़ो स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है, हजारों स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसा है, नई भर्तियां रोक दी गई है और भाजपा सरकार अपने नाकामी और अपने शिक्षा विरोधी षड्यंत्र पर परदेदारी करने के लिए एआई और रोबोटिक प्रशिक्षण के काल्पनिक कार्यक्रम को प्रचारित कर रही है। सरकार बताये एआई और रोबोटिक प्रशिक्षण के लिये विशेष शिक्षकों की भर्ती कब करने जा रही है? बस्तर के 12000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली है, सरकार उनको तो भर नहीं पा रही है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में संचालित मॉडल स्कूलों को निजी क्षेत्र की संस्था डीएवी को बेच दिया था। पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के कुशासन के दौरान छत्तीसगढ़ में 3000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया था, जिसमें 400 से अधिक स्कूल बस्तर के थे। कांग्रेस की सरकार आने के बाद न केवल उन बंद स्कूलों को पुनः खोला गया बल्कि प्रदेश में उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा निः शुल्क देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम और हिंदी मध्यम स्कूल खोले गए। प्रदेश की जरूरत पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अभिनव प्रयास को विस्तार देने की है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार दुर्भावना पूर्वक स्कूलों को बंद करना चाहती है। युक्ति उपकरण के नाम पर प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर रही है सरकार।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शिक्षा के बजट में कटौती कर दी है पूर्ववर्ती सरकार ने 147000 शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया पहले 14580 फिर 12700, अर्थात कुल 27000 से अधिक नियमित शिक्षकों के पद पर भर्ती की थी, उसके उपरांत लगभग 33000 नए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसे छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद दुर्भावना पूर्वक रोक दिया गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 610 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है और लगभग साढ़े 5 हजार स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक ही शिक्षक पूरे स्कूल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, हर महीना बड़ी संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, लेकिन सरकार नई भर्तियां रोके बैठी है। अपनी शिक्षा विरोधी नीतियों से ध्यान भटकने के लिए भाजपा के नेता मंत्री इस तरह से एआई और रोबोटिक शिक्षा का झांसा दे रहे हैं।

 

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