भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, न जांच, न इलाज़, न दवा, न रोकथाम के उपाय – सुरेंद्र वर्मा

0 मलेरिया, डायरिया, पीलिया, स्वाइन फ्लू और कोरोना संक्रमण से बेमौत मरने जनता मजबूर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार की दुर्भावना और अकर्मण्यता के चलते पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मौसमी में बीमारीयों के संक्रमण का शिकार हो कर पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। मलेरिया, डायरिया, पीलिया जैसे मौसमी बीमारी से रोकथाम के लिए सरकार के द्वारा कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। स्वाइन फ्लू और कोरोना का संक्रमण प्रदेश में एक बार फिर बढ़ने लगा है। सरकारी अस्पतालों में ना जांच हो रहा है ना ही दवाओं का प्रबंध है। साय सरकार ने आम जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। आयुष्मान योजना के तहत इलाज़ करने वाले निजी अस्पतालों का भुगतान सरकार द्वारा रोके जाने के कारण निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से अघोषित तौर पर मुकर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा कहा है कि चुनी हुई सरकारों का दायित्व होता है कि बरसात से पहले मौसमी संक्रामक बिमारीयों के संक्रमण रोकने के लिए समुचित प्रबंध करें, अस्पतालों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ तक दवाओं को पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें, मेडिकेटेड मच्छरदानी, फागिंग मशीन की व्यवस्था करे, जल भराव रोकने, नालियों में दवा छिड़काव करवाए लेकिन छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार इस मामले में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि राज्य के शहरी क्षेत्रो में संचालित ‘‘हमर क्लीनिक ’’को साय सरकार ने बंद कर दिया है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भोगने मजबूर है। पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा जो मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के रूप में 25 लाख तक की सहायता की योजना थी वह भी अघोषित तौर पर बंद है। हाट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लीनिक, शहरी स्लम चिकित्सा योजना भी भाजपा सरकार आने के बाद से अघोषित तौर पर बंद है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अनियमित कर्मचारी और दैनिक वेतन भोगियों को वेतन रोक दिए गए हैं, हर जिले में अनियमित स्वास्थ्य कर्मीयों की छटनी की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में टीबी तक की दवा उपलब्ध नहीं है टीबी के मरीजों को 500 रूपए प्रतिमाह की दर से जो पोषक आहार के लिये सहायता राशि दी जाती थी, भाजपा की सरकार बनने के बाद से वह राशि भी रोक दी गई है। डबल इंजन की सत्ता के अहंकार में भाजपा सरकार जनता के स्वास्थ्य खिलवाड़ कर रही हैं।

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