० अबूझमाड के आकाबेड़ा में आईटीबीपी ने खोला सर्व सुविधायुक्त अस्पताल
0 महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने किया लोकार्पण
(अर्जुन झा) जगदलपुर। पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेस नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सुदूर गांवों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। नक्सल समस्या के कारण बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को पुलिस और ये फोर्सेस पानी, सड़क, चिकित्सा जैसी अहम सुविधाएं लगातार उपलब्ध करा रही हैं। बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में स्थित नक्सल गतिविधियों से बुरी तरह प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र को तो नक्सलियों ने विकास की मुख्यधारा से वर्षों तक अलग किए रखा था। अब केंद्र सरकार के सुरक्षा बल अबूझमाड़ में भी खुशियों की बहार ला रहे हैं। इसी कड़ी में इंडो तिब्बत सीमा पुलिस ने अबूझमाड़ के सुदूर गांव आकाबेड़ा में सर्व सुविधायुक्त अस्पताल शुरू किया है। यह अस्पताल क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए संजीवनी साबित होगा।
दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करने के लिए 53वीं वाहिनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की सीओबी आकाबेड़ा में 31 मई को छह बिस्तरों वाले फील्ड अस्पताल की स्थापना की गई थी। इस अस्पताल का लोकार्पण 25 अगस्त को इंडो तिब्बत सीमा पुलिस बल के महानिदेशक आईपीएस राहुल रसगोत्रा ने बल के सामरिक मुख्यालय सेंट्रल फ्रंटियर रायपुर से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस दौरान संजीव रैना, अपर महानिदेशक (पश्चिम कमांड), अमित भाटी सेनानी 53वीं वाहिनी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। यह फील्ड अस्पताल का नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। इस फील्ड अस्पताल को भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की सीओबी आकाड़ा में स्थापित किया गया है। इस अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और योग्य चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी उपलब्ध हैं। इस अस्पताल में क्षेत्र के ग्रामीणों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थय सेवा प्रदान की जा रही है। यह फील्ड अस्पताल निश्चय ही अबूझमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और स्थानीय लोगों तथा सुरक्षा कर्मियों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में सहायक होगा। इससे सरकार और आदिवासी जनता के बीच की दूरी भी कम होगी। फील्ड अस्पताल आकाबेड़ा में आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेन्स सुविधा भी प्रदान की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरन्त मरीजों को नजदीकी जिला अस्पताल में बेहतर ईलाज के लिये भेजा जा सके तथा अमूल्य जीवन को बचाया जा सके। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बल भी सुदूर गांवों में कैंप स्थापित कर ग्रामीणों की हर संभव मदद कर रहे हैं, उन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं और आदिवासी बच्चों को कोचिंग भी दे रहे हैं।