0 7 किमी का सफर भारी पड़ता है ग्रामीणों को
0 अलग पंचायत गठन के लिए 4 बस्तियां लामबंद
(अर्जुन झा) बकावंड। विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत राजनगर का राज चार बस्तियों के ग्रामीणों को बहुत भारी पड़ रहा है। इन बस्तियों के लोगों को ग्राम पंचायत मुख्यालय जाने के लिए 7 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है। यही सफर उन्हें बड़ा ही कष्टदायक लगता है। इसलिए इन बस्तियों के ग्रामीणों ने अब नहीं चाहिए हमें राजनगर पंचायत का राज, अलग बना दो हमारी ग्राम पंचायत का नारा बुलंद करते हुए चारों बस्तियों को मिलाकर अलग ग्राम पंचायत के गठन की मांग तेज कर दी है। बकावंड जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत राजनगर भौगोलिक दृष्टि से काफी विस्तृत है। जनसंख्या के लिहाज से भी यह ग्राम पंचायत बेहद विशाल है। इसलिए कार्य संचालन में पंचायत प्रतिनिधियों को जहां तरह तरह की दिक्कतें पेश आती हैं। वहीं ग्रामीणों को भी तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम पंचायत मुख्यालय राजनगर इन बस्तियों से 5 से 7 किलोमीटर तक दूर स्थित है। ग्राम पंचायत से संबंधित हर छोटे बड़े कार्य के लिए आश्रित बस्ती कांडकीगुड़ा, ब्लॉक कॉलोनी, बोदागुड़ा, भोरागुड़ा और आवासपारा के ग्रामीणों को इतना लंबा सफर तय कर राजनगर जाना पड़ता है। वहां सरपंच और सचिव मिल गए तो ठीक, वरना ग्रामीणों को निराश और खाली हाथ लौटना पड़ता है। इस चक्कर में ग्रामीणों का पूरा दिन निकल जाता है और उनकी रोजी मजदूरी मारी जाती है। रोज रोज की परेशानियों से तंग आकर कांडकीगुड़ा, ब्लॉक कॉलोनी, बोदागुड़ा और भोरागुड़ा बस्तियों के ग्रामीणों ने इन चारों बस्तियों को मिलाकर एक अलग ग्राम पंचायत के गठन की मांग उठाई है। चारों बस्तियों के दर्जनों ग्रामीण इस मांग से संबंधित ज्ञापन देने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय बकावंड पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत राजनगर जाने में उन्हें बहुत कठिनाई होती है। उन्हें 7 किलोमीटर की यात्रा पैदल अथवा साईकिल से तय करना पड़ती है। चारों बस्तियों की दूरी ग्राम पंचायत मुख्यालय से ज्यादा होने के कारण राशन दुकान, पेंशन, और शासकीय एवं दीगर कार्यों के लिए इन बस्तियों के ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में इन बस्तियों की कुल जनसंख्या 1500 से भी अधिक है और कुल मतदाता 900 हैं। इन बस्तियों के ग्रामीण देवराज नेताम, देवराज यादव, प्रीतम यादव, सोहन सिंह भारती, महेश कश्यप, कमलेश यादव, सूरज बंजारे, टूटू भाईना, लघु कश्यप, तरुण, हेमलता ठाकुर, गिरधर ठाकुर, भुवनेश्वर, लेखराज, अरदास, भगवती, इंदिरा और अन्य ग्रामीण एसडीएम कार्यालय बकावंड पहुंचे थे। इन ग्रामीणों ने बताया कि ये चारों बस्तियां मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। पंचायत प्रतिनिधि राजनगर मुख्यालय पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं। इसीलिए ग्रामीणों ने चारों बस्तियों के मिलाकर नवीन ग्राम पंचायत बनाने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई है।
वर्सन
करेंगे उचित पहल
ग्रामीण ज्ञापन देने आए थे, उनकी पीड़ा जायज है। इस संबंध में पहल कर उच्च कार्यालय को प्रतिवेदन भेजेंगे।
-गगन शर्मा,
एसडीएम, बकावंड