नहीं रही शहीद की बहन की राखी की थाली सूनी

0  जवानों ने बहन के घर जाकर बंधवाई राखी 
बकावंड। रक्षा बंधन त्यौहार पर हर साल एक बहन की आंखें भाई की राह देखते पथरा सी जाती थीं, चार साल से वह राखी की थाली सजाकर बाट जोहती आ रही थी, आरती का दीपक बूझ जाता था, मगर भाई श्रवण नहीं पहुंचता। श्रवण आए भी तो कैसे? वह देश सेवा करते शहीद जो हुआ चुका है। मगर इस बार के रक्षा बंधन पर बहन की आंखें चमक उठीं, उसे एकसाथ दो भाई मिल गए, वह भी उसके सगे भाई श्रवण कश्यप की तरह ही पुलिस कर्मी हैं।
बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक की ग्राम पंचायत बनिया गांव में शहीद श्रवण कुमार कश्यप की बहन तुलावती कश्यप की राखी की थाली चार साल से सूनी पड़ी थी। तुलावती के भाई श्रवण की शहादत बीजापुर जिले बासागुड़ा के टेकलगुड़ा में 3 अप्रैल 2021 को नक्सलियों से मुठभेड़ में हो गई थी। इस मुठभेड़ में श्रवण कश्यप सहित 21 जवानों की शहादत हुईं थी। तबसे लेकर आज तक तुलावती कश्यप की राखी की थाली यूं ही धरी रह जाती थी। एक बहन की पीड़ा की जानकारी मिलने के बाद सीएसपी विशाल गर्ग ने रक्षा बंधन की सुबह ही थाना नगरनार टीआई को पुलिस की एक टीम शहीद श्रवण कश्यप की बहन के पास रक्षा बंधन त्यौहार मनाने के लिए भेजने और शहीद की बहन को उपहार देने के निर्देश दिए। नगरनार के थाना प्रभारी सतीश यदुराज ने अपनी टीम से शहीद आरक्षक श्रवण कुमार कश्यप की बहन तुलावती कश्यप के गृह ग्राम तारापुर में उनके घर पर के लिए प्रधान आरक्षक बधुराम बघेल और अखिलेश नाग को रवाना किया। बुधराम बघेल और अखिलेश नाग ने तुलावती से राखी बंधवाकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया और बहन को उपहार भी दिया। शहीद की बहन ने जब पुलिस के जवानों को अपने घर पर देखा तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।उसे ऐसा लगा जैसे उसका सगा भई श्रवण आ गया हो। उसने पुलिस जवानों से आग्रह किया कि हर साल रक्षा बंधन के दिन इसी तरह राखी बंधवाने आया कीजिए।

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